लोकमतसत्याग्रह/भोपाल। नगरीय निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिली सफलता को देखते हुए कई दलों में प्रदेश का तीसरा विकल्प बनने की उम्मीद जाग उठी है। इसी कड़ी में अब इंडियन पीपुल्स पार्टी आईपीपी ने तीसरे विकल्प के लिए अपना दावा ठोकते हुए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। साथ ही इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। पंडित तिवारी ने कहाकि मध्यप्रदेश को अच्छा राज्य बनाने के उद्देश्य से हमारी पार्टी चुनावों में उतरेगी और प्रदेश में हुए घोटालों को पंचायत से लेकर संसद तक उठाएगी।नव गठित आईपीपी का प्रथम राज्य स्तरीय अधिवेशन शनिवार 4 सितंबर को भोपाल में आयोजित किया गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. पुरूषोत्तम तिवारी ने अधिवेशन को संबोधित किया। तिवारी ने कहाकि प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस ने सत्ता का आपसी गठजोड़ कर रखा है। दोनों का यह गठबंधन जनता के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहा है। इससे जनता के दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। इंडियन पीपुल्स पार्टी प्रदेश में गरीब जनता की आवाज बनेगी। इसके लिए पार्टी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी। आईपीपी प्रदेश के विकास को नई दिशा देगी।
सभी 52 जिलों में संगठन, चलेगा सदस्यता अभियान अधिवेशन के बाद मीडिया से चर्चा में आईपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश के सभी 52 जिलों में संगठन के गठन और विस्तार पर तेजी से काम किया जा रहा है। अभी 52 में से 32 जिलों में पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। इस माह भी सदस्यता के साथ जिलों में पदाधिकारियों की नियुक्ति पूर्ण कर ली जाएगी। इसके साथ ही 4 सितंबर से गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक प्रदेश में एक लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आईपीपी की कार्यकारिणी में पदाधिकारी बनाने के साथ ही महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, युवा, चिकित्सक, नर्सिंग, अधिवक्ता, कालेज व यूनिवर्सिटीज, छात्र, कर्मचारी, श्रमिक, आटो चालक, सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों के अलग-अलग संगठन भी बनाए जाएंगे। वहीं केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले हितग्राहियों के भी संगठन बनाए जाएंगे।
ये उठाए मुद्दे – प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार- कोरोना काल में इलाज के नाम पर लूट- प्रदेश में 40 लाख से ज्यादा बेरोजगार, पलायन रोकने में सरकार नाकाम- ई-टेंडरिंग घोटाला- अस्पतालों को मान्यता देने में घोटाला- आयुष्मान कार्ड बनाने में घोटाला
