लोकमतसत्याग्रह/जबलपुर।मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय कर्मियों की रिटायरमेंट की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की चर्चा चल रही है। जिसकी जानकारी विभिन्न समाचार पत्रों द्वारा मिली है। जो कि प्रदेश के सुशिक्षित बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा होगा। सांथ ही संघ ने यह भी मांग की है कि कई वर्षों से भर्ती न होने के कारण सेवारत विद्युतकर्मियों पर काफी दबाब बढ़ गया है जिसका सही मायने मे कर्मियों की भर्ती कर कमी को दूर किया जा सकता है। लेकिन भर्ती न कर सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का फैसला अव्यवहारिक प्रतीत हो रहा है वही समानांतर मे विद्युत कंपनियों के प्रबंधन द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे अधिकारियों की सेवा में वृद्धि की जाना प्रस्तावित कर रही है। जो कि अपनी सेवाकाल पूर्ण करने वाले है अथवा जो अपना सेवाकाल पूर्ण कर चुके हैं। संघ ने यह तर्क दिया है कि प्रदेश और देश में कोरोना महामारी के दौरान लाखों युवा बेरोजगार हो चुके हैं। सरकार का इस प्रकार का कोई भी फैसला प्रदेश हित, ऊर्जा विभाग और विद्युत उपभोक्ताओं के लिए भी न्यायसंगत नहीं होगा। जिसके चलते संघ युवाओं को रोजगार देने वाली योजनाओं को साकार करे न कि रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच चुके अधिकारियों की सेवा में वृद्धि कर उन्हें पारितोषक प्रदान करे।
बड़ी संख्या में अधिकारी होने जा रहे हैं रिटायर
दरअसल प्रदेश सरकार की माली हालत वैसे ही ठीक नहीं है और आने वाले 8 से 10 माह में बड़ी संख्या में कर्मचारी अधिकारी रिटायर होने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार यह कोशिश कर रही है कि अभी उस पर इतने ज्यादा अधिकारियों के रिटायरमेंट का भार न पड़े तो अच्छा है। वहीं एक साथ इतने सारे अधिकारियों के सेवानिवृत्त हो जाने से अनुभवी लोगों की भी कमी हो जाएगी। दूसरी तरफ बिजली कंपनियां भी नए इंजीनियर्स की भर्ती करने के बजाय रिटायर हो चुके या रिटायरमेंट की कगार पर पहुंच चुके अधिकारियों की सेवावृद्धि कराने की तैयारी कर रही है। जिससे जूनियर इंजीनियर्स नाखुश हैं।
