लोकमतसत्याग्रह/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. ANI के अनुसार शिंजो आबे का राजकीय अंतिम संस्कार टोक्यो में चल रहा है. इस दौरान मोदी काफी भावुक नजर आए. पीएम मोदी के अलावा विश्व के कई नेता आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इसमें अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी हैं. इसके अलावा 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्षों समेत 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि जापान पहुंचे हैं.
गौरतलब है कि आबे पर 8 जुलाई को नारा शहर में एक भाषण के दौरान हमला किया गया था. शिंजो आबे को स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 11:30 बजे ओसाका के पूर्व में नारा में गोली मार दी गई थी, जब वह सड़क पर चुनाव प्रचार में भाषण दे रहे थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां शाम 5:03 बजे आबे को मृत घोषित कर दिया गया.
शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने से पहले पीएम मोदी ने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारत-जापान संबंध को लेकर चर्चा हुई. किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान संबंध गहरे होंगे और नई ऊंचाइयों को छुएंगे और हम दुनिया की समस्याओं को हल करने में एक उपयुक्त भूमिका निभा पाएंगे.”
PM ने शिंजो आबे को किया याद
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे को भी याद किया. उन्होंने फुमियो किशिदा से कहा कि दुख की इस घड़ी में आज हम मिल रहे हैं. पिछली बार जब मैं आया था तो मेरी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ लंबी बातचीत हुई थी. पूरा भारत शिंजो आबे को याद कर रहा है.
शिंजो की प्रतीकात्मक विदाई में सरकार खर्च कर रही है, अमूमन जापान में रॉयल फैमिली और प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार सरकारी खर्च पर नहीं किया जाता। ये परंपरा है। सभी फ्यूनरल फंक्शन पारिवारिक लोग करते हैं। आबे का राजकीय अंतिम संस्कार सरकार कर रही है। प्रतीकात्मक अंतिम विदाई समारोह पर करीब 97 करोड़ रुपए खर्चा हुआ है। यही वजह है कि इसका विरोध हो रहा है। विपक्ष और आम जनता को लगता है कि सरकार के खर्च पर आबे का अंतिम संस्कार पैसे की बर्बादी है।
वर्ल्ड वॉर II के बाद जापान में दूसरी बार किसी प्रधानमंत्री का स्टेट फ्यूनरल हो रहा है। इससे पहले, 1967 में शिगेरु योशिदा के लिए स्टेट फ्यूनरल हुआ था। इसके अलावा सभी प्रधानमंत्री का रेगुलर प्रोटोकॉल के तहत ही फ्यूनरल हुआ है। आबे की हत्या के बाद नई पुलिस सिक्योरिटी गाइडलाइंस जारी की गई थी। इसके बाद टोक्यो में सुरक्षा बढ़ा दी गई। गाइडलाइन आने के बाद से जापान में पहली बार बड़े स्तर का सार्वजनिक कार्यक्रम होगा।
