लोकमतसत्याग्रह/स्कूल शिक्षा विभाग आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर सख्त है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के आह्वान पर बुलाई हड़ताल में शामिल शिक्षकों पर स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है। विभाग ने 13 सितंबर को स्कूल से अनुपस्थित शिक्षकों को नोटिस भेजा और पूछा कि वह भोपाल में हुए प्रदर्शन में शामिल थे। इसके बाद जवाब नहीं मिलने पर शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। विभाग की तरफ से प्रदेश भर के 500 से ज्यादा शिक्षकों को नोटिस भेजे गए हैं। अब तक करीब 50 शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है।
पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति और अतिथि शिक्षक कैडर खत्म कर नए कैडर में शामिल करने की मांग को लेकर पर हड़ताल कर रहे आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष भरत पटेल को शनिवार को सस्पेंड कर दिया गया था। शिक्षकों को सस्पेंड करने पर शिक्षक संघ एकजुट हो गए है। इस कार्रवाई की निंदा की जा रही है। कार्रवाई पर भरत पटेल ने कहा कि सरकार की तरफ से शांतिपूर्वक आंदोलन की अनुमति नहीं दी जा रही है। हमने जायज मांगों को लेकर आंदोलन किया तो निलंबन की कार्रवाई कर दी है। पटेल ने कहा कि इसके विरोध में सभी शिक्षक एकजुट है। हम आज सोमवार को आमरण अनशन करेंगे।
भोपाल की सीमा पर रोका था
शासन ने संगठन को भोपाल में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। करीब 7 साल पहले साल 2015 में संगठन ने भोपाल में प्रदर्शन किया था। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक लालघाटी तक पहुंच गए थे, जिससे ट्रैफिक जाम के हालात बने थे। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल की सीमा पर तैनात किया गया है, ताकि कोई भी शिक्षक किसी तरह से शहर के अंदर न सके। सूत्रों की माने तो इस प्रदर्शन में भोपाल से कोई भी शिक्षक शामिल नहीं हुए थे। प्रदर्शन के लिए भोपाल के अलावा महाकौशल, बुंदेलखंड, मालवा, निमाड़, ग्वालियर और बघेलखंड से शिक्षकों के भोपाल पहुंचे थे। इसमें अध्यापक संध के अध्यक्ष भरत पटेल नजर नहीं आए थे। उसके बाद भी उन्हें सस्पेंड किया गया है।
तिरंगा लेकर रैली निकाली
संगठन ने भोपाल के यादगारे शाहजहानी पार्क, भेल दशहरा मैदान और जंबूरी मैदान में धरने की अनुमति मांगी थी, लेकिन शासन ने अब तक अनुमति नहीं दी है। सूखीसेवनिया के पास चौपड़ाकलां स्थित श्रीराम जानकी मंदिर से तिरंगा लेकर रैली निकाली थी। शिक्षकों को वहीं पर रोक दिया था। प्रदर्शन के दौरान बारिश होने से शिक्षक यहां-वहां हो गए थे। इससे कोई भी भोपाल शहर के अंदर नहीं पहुंच पाया था।
यह हैं मांगें
- सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, जनजातीय कार्य विभाग व स्कूल शिक्षा विभाग के बीच तालमेल नहीं होने के कारण पिछले 4 साल से क्रमोन्नति यानी समयमान वेतनमान नहीं मिल पा रहा है।
- पुरानी पेंशन बहाली नहीं मिलने से शिक्षकों के परिवारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें रिटायरमेंट के बाद 700 से 2000 तक पेंशन मिल पा रही है।
- अनुकंपा के लंबित मामले नहीं निपटने से मृत शिक्षकों के परिवार वाले परेशान हैं।
- अतिथि शिक्षक कैडर खत्म कर इन्हें नए कैडर में शामिल किया जाए।
