महाकाल कॉरिडोर का नाम श्री महाकाल लोक होगा, उज्जैन में कैबिनेट बैठक से पहले सीएम ने दी जानकारी

लोकमतसत्याग्रह/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आएंगे। यहां प्रधानमंत्री विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के भव्य नवनिर्मित कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद कॉरिडोर को आम श्रद्धालुओं क लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के उज्जैन आने को लेकर तैयारियों तेजी से की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक उज्जैन में हुई। बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकाल कॉरिडोर अब श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल महाराज से प्रार्थना है कि वो सभी प्रदेशवासियों पर कृपा बरसाएं, आशीर्वाद दें और भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को हमारा देश शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराएं, यही मंंगल कामना है।

सीएम शिवराज ने कहा कि महाकाल महाराज ही सरकार हैं, यहां के राजा हैं, इसलिए आज महाकाल महाराज की धरती पर हम सभी सेवक बैठक कर रहे हैं। यह ऐतिहासिक पल है हम सभी के लिए। हमने कल्पना की थी कि महाकाल महाराज के परिसर का विस्तार किया जाएगा। हमने प्रारम्भिक चरण में नागरिकों से चर्चा की, मंदिर समिति के सदस्यों से चर्चा की और उनके सुझावों को लेकर ही हमने योजना बनाई। एक साल में डीपीआर प्रस्तुत हुई, प्रथम चरण के टेंडर हमने चुनाव पूर्व 2018 में बुलाए। सरकार बदलने के कारण काम सुप्तावस्था में चला गया लेकिन हमने अपनी सरकार बनते ही इसकी समीक्षा की। हमने इसके दो चरण तय किए, प्रथम चरण 351 करोड़ रुपये का था, फिर हमने द्वितीय चरण के लिए 310 करोड़ रुपये स्वीकृत किए।


सभी कार्य महाकाल महाराज ही करवा रहे
हमने कई मकान विस्थापित किए, उनको कष्ट न देते हुए 150 करोड़ रुपये की लागत से उन्हें विस्थापित किया। कई विकास के काम हमने किए हैं। रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं। ये सभी कार्य महाकाल महाराज ही करवा रहे हैं।

200 वर्षों बाद उज्जैन में बैठक
हमारे लिए गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण का उद्घाटन करेंगे। मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास सहित जनता के कल्याण के लिए हमें विचार आया कि महाकाल महाराज की नगरी में बैठक की जाए। लगभग 200 वर्षों बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है।

रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा
सीएम ने कहा कि आज हमारा पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर ‘श्री महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा। आज हम एक सैद्धांतिक फैसला करते हैं कि नर्मदा जी का जल सदैव क्षिप्रा जी में आएगा। फैक्टरीज का जो दूषित जल है, उसको डायवर्ट करने का काम चल रहा है। क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित किया जाएगा, जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा।

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