लोकमतसत्याग्रह/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (RSS Chief) मोहन भागवत से मुलाकात और उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ बताने संबंधी बयान को लेकर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (AIIO) प्रमुख उमेर अहमद इलियासी को ‘सर तन से जुदा’ करने की धमकियां मिल रही हैं. उन्हें ये धमकी भरे फोन कॉल्स 23 सितंबर को इंग्लैड से आए थे, जहां हाल ही में कट्टरपंथियों द्वारा मंदिरों और हिंदु समुदाय को निशाना बनाया गया था. गत एक सप्ताह में पाकिस्तान समेत देश के कई हिस्सों से सैकड़ों फोन कॉल्स से उन्हें ऐसी धमिकियां दी जा चुकी हैं. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में मामला दर्ज कराया है.
इमाम उमेर अहमद इलियासी ने सुरक्षा कारणों से अपने सारे सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. हालांकि, उन्होंने दो टूक कहा कि वह इन धमकियों से डरने या झुकने वाले नहीं हैं. इमाम इलियासी ने कहा है कि वह देश में सद्भावना बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे और संघ प्रमुख को लेकर दिए गए अपने बयानों को वापस नहीं लेंगे. आपको बता दें कि गत 22 सितंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सहसरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल व वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार उमेर अहमद इलियासी से मिलने कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे थे, जहां इमाम अपने परिवार के साथ रहते हैं.
मोहन भागवत ने मदरसे में किया था छात्रों से संवाद
मोहन भागवत और इलियासी बाड़ा हिंदूराव स्थित मदरसे में भी गए थे और वहां छात्रों से संवाद किया था. ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख ने संघ प्रमुख की इस असाधारण पहल को धार्मिक सौहार्द की दिशा में ऐतिहासिक घटनाक्रम बताते हुए उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ और ‘राष्ट्रऋषि’ बताया था. उनका कहना था कि मोहन भागवत एक प्रचारक हैं, उन्होंने देश व समाज की सेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है. इसलिए वह राष्ट्रपिता हैं.
इमाम इलियासी ने PFI पर बैन का किया था समर्थन
मोहन भागवत को लेकर दिया गया इलियासी का यह बयान कुछ राजनीतिज्ञों और कट्टरपंथियों को नहीं सुहाया. पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में इमाम न बताया कि आरएसएस प्रमुख से मुलाकात के बाद से ही उनके मोबाइल पर विभिन्न देशों व भारत के कई राज्यों से धमकी भरे कॉल्स आने लगे, ‘सर तन से जुदा’ करने की धमकियां मिलने लगीं. इस संबंध में एआईआईओ के चीफ इमाम उमेर अहमद इलियासी ने 24 सितंबर को तिलक मार्ग थाने में मुकदमा दर्ज कराया. उन्होंने मामले की जानकारी गृह सचिव व दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी दी है. उन्होंने बताया कि पीएफआई को प्रतिबंधित करने का समर्थन करने पर भी वह कट्टपंथियों के निशाने पर हैं.
