नौकर बन कर रह रहे आतंकी ने की डीजी की हत्या:टेरर ग्रुप ने कहा- जम्मू-कश्मीर आए गृहमंत्री को छोटा-सा तोहफा, ऐसे ऑपरेशन चलते रहेंगे

लोकमतसत्याग्रह/जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत लोहिया की सोमवार देर रात हत्या कर दी गई। इस घटना को लेकर अभी तक दो एंगल सामने आए हैं। पहला टेररिस्ट अटैक का और दूसरा मुख्य आरोपी और नौकर यासिर की मानसिक स्थिति और व्यवहार को लेकर। इस घटना में हत्या का शक उस नौकर यासिर पर है, जो घटना के बाद से फरार है। अहम बात कि जिस घर में हत्या हुई, वह लोहिया का नहीं, बल्कि उनके दोस्त का है।

हत्या के बाद मंगलवार सुबह पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) नाम के संगठन की रिलीज सामने आई है। उसमें कहा है कि हम कभी भी और कहीं भी ऐसे हाई प्रोफाइल टारगेट को हिट कर सकते हैं। यह जम्मू-कश्मीर विजिट पर आ रहे गृह मंत्री को हमारा छोटा सा तोहफा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर में हैं।

एडीजीपी को की कॉल, नहीं उठी तो मैसेज भेजकर किया सूचित

घटना के बाद डीजीपी के दोस्त संजीव खजूरिया ने बताया कि विचलित कर देने वाली वारदात के बारे में सूचना देने के लिए उन्होंने सबसे पहले एडीजीपी मुकेश सिंह को फोन किया। कॉल कट हो गई तो एडीजीपी ने मैसेज भेजकर व्यस्त होने की बात कही।

इसके बाद संजीव खजूरिया ने मैसेज भेजकर घटना की सूचना दी। जिसके बाद एडीजीपी ने फोन कर पूरी जानकारी ली और पीसीआर से टीम मौके पर भेजी। देर रात एडीजीपी मुकेश सिंह, एडीजीपी आलोक कुमार, डीआईजी विवेक गुप्ता समेत अन्य आला अफसर भी मौके पर पहुंच गए।

अगले डीजीपी की रेस में सबसे आगे थे लोहिया

डीजीपी जेल विभाग हेमंत कुमार लोहिया 3 अगस्त 2022 को जम्मू कश्मीर में डेपुटेशन से लौट कर आए थे। हालांकि उनको सितंबर 2023 में वापस आना था। सूत्रों का कहना है कि वह जम्मू कश्मीर के नए डीजीपी की रेस मे सबसे आगे थे। इसलिए उनको एक साल पहले ही डेपुटेशन से वापस बुलाया गया। जांच का एक पहलू यह भी है।

सूत्रों का कहना है कि डीजीपी लोहिया की हत्या करने वाला हेल्पर यासिर पहले भी कई पुलिस अफसरों के साथ काम कर चुका है। हेमंत कुमार लोहिया 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जो असम के रहने वाले थे। जम्मू से डेपुटेशन पर जाने से पहले वह पुलिस मुख्यालय में आईजी टेक्निकल थे।

डेपुटेशन से लौटने के बाद उनको होमगार्ड सिविल डिफेंस का डायरेक्टर जनरल बनाया गया था। अभी डेढ़ महीना पहले ही उन्हें जेल विभाग का डीजीपी बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में डीजीपी के पद का इतिहास रहा है कि जो कोई भी जेल विभाग का डीजीपी रहा है, उसे डीजीपी बनाया गया है। इसमें पूर्व के डीजीपी दिलबाग सिंह, एसपी वैद, एस के मिश्रा, के राजिंदरा आदि डीजी जेल से डीजीपी बने। 

शाम 5 बजे करीबियों से जय माता दी बोल रहे थे

जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम 4.48 मिनट पर एच के लोहिया ने अपने करीबियों को दुर्गा अष्टमी का व्हाटसएप पर संदेश भी भेजा। वह श्रीनगर से 3 दिन पहले ही जम्मू लौटे थे। हेमंत लोहिया जम्मू कश्मीर पुलिस के एक मात्र सीनियर आईपीएस अफसर हैं, जो हर रोज अपने करीबियों को व्हाटसएप पर किसी न किसी तरह का संदेश भेज कर उनके संपर्क में रहना पसंद करते थे। 

सीनियर कैडर में 7वां नंबर

मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर में तैनात आईपीएस अफसरों में वरिष्ठता के मामले में लोहिया सातवें नंबर पर थे। उनके आगे आईपीएस एस एम सहाय, दिलबाग सिंह, लालतेंदु मोहंती, बी श्रीनिवास, आर आर स्वैन, एक के चौधरी ही थे। 

लोहिया के साथ श्रीनगर से आया था यासिर

सूत्रों का कहना है कि जिस नौकर यासिर ने लोहिया की हत्या की है, वह कुछ दिन पहले ही श्रीनगर से जम्मू लौटा था। क्योंकि दरबार मूव के साथ लोहिया भी श्रीनगर चले गए थे। यहां यासिर उनके साथ हेल्पर के तौर पर काम करता था। कुछ दिन पहले जब लोहिया जम्मू आए तो यासिर भी उनके साथ जम्मू वापस आ गया।

आतंकवाद का नया मॉड्यूल, स्पेशल स्क्वॉड का ऑपरेशन
आतंकवादी संगठन PAFF के प्रवक्ता तनवीर अहमद राठेर ने प्रेस रिलीज जारी की। इसमें लिखा- हमारी स्पेशल स्क्वॉड ने उदयवाला में इंटेलीजेंस बेस्ड ऑपरेशन को अंजाम दिया है। हमने जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल एचके लोहिया जैसे हाईप्रोफाइल टारगेट को मार दिया। ऐसे हाई प्रोफाइल ऑपरेशन की यह महज शुरुआत है। यह हिंदुत्ववादी शासन और उसके सहयोगियों को हमारी चेतावनी है कि हम कभी भी और कहीं भी.. टारगेट हिट कर सकते हैं। यह उस शासन के गृह मंत्री को हमारा छोटा सा तोहफा है, जो जम्मू-कश्मीर वििजट पर हैं। हम ऐसे ऑपरेशन जारी रखेंगे।

इस आतंकी संगठन PAFF के बारे में जानिएPAFF जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा पाकिस्तानी आतंकी संगठन है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद इस नए आतंकी संगठन का नाम सामने आना शुरू हुआ था। यह आतंकी संगठन गजावत-उल-हिन्द के मारे हुए कमांडर जाकिर मूसा से प्रभावित है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 दिन के दौरे पर जम्मू-कश्मीर में हैं। वे सोमवार रात जम्मू पहुंचे। वे बुधवार तक जम्मू-कश्मीर में रहेंगे। धारा 370 हटने के बाद शाह पहली बार जम्मू पहुंचे हैं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर में ये उनका दूसरा दौरा है। इससे पहले वे अक्टूबर 2021 में कश्मीर गए थे।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s