लोकमतसत्याग्रह/मध्य प्रदेश में अब हेलमेट को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। एमपी हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय भोपाल ने पुलिस कमिश्नर भोपाल, पुलिस कमिश्नर इंदौर सहित प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी करते हुए इसके सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं।
जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत वाहन चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा। महिला-पुरुष-नाबालिग चालक को लेकर अलग से निर्देश नहीं हैं। इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन चालक के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है।
हेलमेट की अनिवार्यता पहले से है, लेकिन मप्र में सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब सख्ती भी बरती जाएगी। यानी अब हेलमेट पहने हुए सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को ही दफ्तर में एंट्री मिलेगी।
एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने बताया कि शिक्षण संस्थानों और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप्स पर भी हेलमेट की अनिवार्यता लागू की गई है। सभी तरह की पेड पार्किंग में बगैर हेलमेट पहने आए लोगों के वाहन पार्क नहीं होने दिए जाएंगे। शोरूम डीलर्स को भी ताकीद कर रहे हैं कि बगैर हेलमेट वालों को दो पहिया वाहन न दें।
- 4 साल से ज्यादा उम्र का हर शख्स जो दोपहिया वाहन पर बैठा है, उसे हेलमेट पहनना होगा
- 15 मौतें मिसरोद थाना क्षेत्र में हुईं। भोपाल में सबसे ज्यादा।
अब हमें बदलना होगा यह आंकड़ा…
- भोपाल- इस साल 30 जून तक ही सड़क हादसों में 97 लोगों की मौत हो गई। इनमें 51 यानी करीब 52% लोग दोपहिया वाहन सवार थे।
- प्रदेश- इस साल 30 जून तक ही सड़क हादसों में 7164 लोगों की मौत हो गई। इनमें 3450 यानी 48.15% दोपहिया वाहन सवार थे।
राजस्थान से सीखें– एक्स्ट्रा हेलमेट साथ रखते हैं लोग
जयपुर-जोधपुर में जनवरी 2011 हेलमेट अनिवार्य है। करीब दो साल बाद पिलियन राइडर के लिए हेलमेट जरूरी हो गया। यहां सख्ती से ज्यादा लोगों की जागरूकता ही काम आई। यहां बिना हेलमेट पहने लोगों के लिए कैमरों से बचना मुश्किल है। इसलिए यहां हेलमेट पहनना आदत बन चुका है और लोग अपने साथ एक्स्ट्रा हेलमेट तक रखते हैं। राजस्थान में सड़क हादसे में दोपहिया वाहन चालकों की मौत का ग्राफ 35 फीसदी है।
सिर की चोट में बचना मुश्किल
हादसे के बाद दो पहिया वाहन चालक अक्सर सिर के बल ही गिरता है। सिर पर लगी चोट के कारण लोगों की जान बचाना डॉक्टरों के लिए भी मुश्किल रहता है। अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 70% मामलों में ऐसा ही होता है। हेलमेट की अनिवार्यता की जरूरत है। सख्ती भले हो, लेकिन ऐसा तब संभव होगा, जब लोग जागरूक होंगे। – डॉ. राहुल तिवारी, ट्रैफिक एक्सपर्ट
