लोकमतसत्याग्रह/फसलों की बंपर पैदावार से किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुरैना में 20 से 22 अक्टूबर तक किसान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। तीन दिवसीय मेले के पहले दिन मुरैना, भिंड, श्योपुर, ग्वालियर व शिवपुरी के 15 हजार किसानों को मुरैना बुलाया जाकर उन्हें तीन विषयों पर खेती की प्रशिक्षण दिया जाएगा। मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल होंगे। मेले के दूसरे व तीसरे दिन 10-10 हजार किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
किसान मेला के पहले दिन 20 अक्टूबर को भोजन से पहले के सत्र में किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डाॅ. राजपाल सिंह तोमर प्राकृतिक खेती के महत्व व वर्तमान में उसकी आवश्यकता पर किसानों का मार्गदर्शन करेंगे। दूसरे सत्र में एनआरसी मस्टर्ड भरतपुर के कृषि वैज्ञानिक डाॅ. पंकज शर्मा किसानों को सरसों की उच्च उपज देने वाली प्रजातियों की जानकारी देंगे। 20 अक्टूबर को दोपहर बाद के सत्र में कक्ष क्रमांक 1 में पशुपालन से जुड़े किसानों को डाॅ. विनोद शर्मा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने, दूध की प्रोसेसिंग से लेकर मार्केटिंग के टिप्स देंगे।
कक्ष क्रमांक 2 में खेतों पर निर्भर किसानों को नैनो यूरिया के ड्रोन से स्प्रे व उन्नत कृषि यंत्रों के उपयोग की जानकारी कृषि इंजीनियर अखिलेख सोलंकी देंगे। कक्ष क्रमांक 3 में अंबाह-पोरसा के किसानों को आलू की अनुबंधित खेती के संबंध में आलू अनुसंधान केन्द्र के एक्सपर्ट डाॅ. सुभाष कटारे व नरेन्द्र तोमर जानकारी देंगे।
जौरा के अमरूदों का उत्पादन बढ़ाने पर चर्चा 21 को
किसान मेला के दूसरे दिन 21 अक्टूबर को 10 हजार किसानों को फसल बीमा योजना से लेकर किसान क्रेडिट कार्ड व बैंक सुविधा के संबंध में एआईसी नई दिल्ली से आ रहे राकेश काेरी जानकारी देंगे। मेला का दूसरा सत्र खेतों की मिट्टी परीक्षण, नमूनों का संकलन व मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर आधारित होगा। इसमें कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के एक्सपर्ट डाॅ. एके त्रिवेदी व डाॅ. शशि यादव किसानों का मार्गदर्शन करेंगे। भोजनावकाश के बाद कक्ष क्रमांक 1 में पशुपालन से जड़े लोगों को पशु नस्ल सुधार, बीमारी की पहचान, रोकथाम व गोवंश में पनप रहे लंपी वायरस के संबंध में डा. प्रमोद शर्मा पशुपालकों का मार्गदर्शन करेंगे।
कक्ष क्रमांक 2 में फसलों के विविधीकरण से लेकर एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन पर कृषि वैज्ञानिक डा. अशोक यादव मार्गदर्शन करेंगे। कक्ष क्रमांक 3 में ग्वालियर के प्रमुख वैज्ञानिक डा. वायपी सिंह जौरा क्षेत्र के किसानों को अमरूद की खेती का उत्पादन बढ़ाने के टिप्स देंगे। इस सत्र में चंबल व ग्वालियर संभाग में सब्जी व फलों की खेती का एरिया बढ़ाने पर भी चर्चा होगी।
बाजरा के बिस्कुट व दलिया बनाने से बढ़ेगी आय
किसान मेला के तीसरे दिन 22 अक्टूबर को पांच जिलों के किसानों को बाजरा की पैदावार बढ़ाने से लेकर बाजरा के बिस्कुट व दलिया बनाने पर उन्हें बिजनेस के टिप्स दिए जाएंगे। कृषि वैज्ञानिक डाॅ. आर के पंडया व डाॅ. रीता मिश्रा इस पर चर्चा करेंगी। दूसरे सत्र में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन व मत्स्य पालन के संबंध में संबंधित विभागों के एक्सपर्ट अपने अनुभव शेयर करेंगे।
मुरैना में महाकुंभ इसलिए अहम
मुरैना में पहली बार किसानों का महाकुंभ चंबल संभाग के किसानों के लिए अहम है क्योंकि इस जिले में प्रमाणित बीज तैयार करने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम 883 हेक्टेयर जमीन को फार्म बनाने के लिए विकसित कर रहा है। जाैरा के रूनीपुर की महिला किसान बाजरा के बंपर उत्पादन के लिए नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि कर्मड पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है। मुरैना जिले में शहद का उत्पादन व्यवसायिक स्तर पर होता है। शहद से जुड़े कारोबारियों को उनके उत्पादाें का बाजिव मूल्य दिलाने व शहद के बिजनेस को और ऊंचाईयां दिलाने के प्रयास चल रहे हैं।
इसलिए भी मेला में हनी के नवाचार महत्वपूर्ण होंगे। मुरैना जिले में प्रतिदिन 12 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। दूध की आपूर्ति मुरैना के अलावा ग्वालियर, भिंड, दिल्ली, धौलपुर, अलीगढ़ व फर्रुखाबाद तक हो रही है। दूध का उत्पादन बढ़ने से पशुपालकों की आय और बढ़ेगी। वहीं शहर में सरसों तेल के उत्पादन की 6 रिफाइनरी, 35 ऑइल इंडस्ट्रीज संचालित होकर उनमें 50 हजार बोरी सरसों की पिराई प्रतिदिन की जा रही है। सरसों का तेल पूरे देश में मुरैना से भेजा जाता है। सरसों की पैदाबार बढ़ेगी तो अन्य जिलों से सरसों खरीदने पर निभर्रता कम होगी।
