लोकमतसत्याग्रह/भारत ने शनिवार को कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए यूनाइटेड नेशन को शामिल करने के पाकिस्तान और जर्मनी के विदेश मंत्रियों की सिफारिश को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसके बजाए पाकिस्तान आतंकवादियों से निपटने पर ध्यान देने की जरूरत है, जो लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को निशाना बना रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने बर्लिन में एक ज्वॉइंट न्यूज कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक की टिप्पणी का जवाब दिया। दरअसल, बेरबॉक ने अफगानिस्तान को फूड सप्लाई के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच सहयोग जैसे पॉजिटिव सिग्नल्स का जिक्र किया था। इसके चलते पाकिस्तान और जर्मनी ने कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को शामिल करने की सिफारिश की।
जम्मू–कश्मीर में दशकों से आतंकवादी हमले हो रहे
इस पर भारत ने कहा- कश्मीर हमारा आपसी मसला है और इसमें थर्ड पार्टी का कोई रोल नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की जम्मू-कश्मीर के बारे में की गई टिप्पणियों के जवाब में कहा- ग्लोबल कम्युनिटी की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने की जिम्मेदारी है। जम्मू और कश्मीर में दशकों से इस तरह के आतंकवादी हमले हो रहे हैं, जो अब तक जारी हैं।
भुट्टो जरदारी ने फिर अलापा पाकिस्तान राग
बिलावल भुट्टो ने मीडिया से कहा कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। इससे क्षेत्र में शांति नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, जम्मू और कश्मीर विवाद का शांतिपूर्ण समाधान हुए बिना दक्षिण एशिया में शांति संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2019 में जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस छीन लिया गया। इसके बाद से लगातार पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को उठा रहा है। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद को खत्म करने के लिए एक सही भूमिका निभाएगा, ताकि हम न केवल अपने क्षेत्र में शांति बनाए रखें, बल्कि जिन्हें हम स्पोर्ट कर रहे हैं, वहां भी शांति बनी रहे।
