लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर।शहर विकास के लिए गठित महापौर की सलाहकार समिति की पहली बैठक में सदस्यों ने छोटे-छोटे उपायों से बदलाव लाने के सुझाव दिए। बैठक में सभी सदस्यों ने कहा कि शहर के विकास के लिए कड़े एक्शन लेने होंगे। रविवार को महापौर डा. शोभा सिकरवार की अध्यक्षता में बाल भवन के टीएलसी कक्ष में नगर निगम अशासकीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें रिटायर्ड आइएएस बीएम शर्मा ने सुझाव दिया कि बैठक को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्राथमिकता के आधार पर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पहले बैठक हो, इसके बाद शहर विकास की योजनाओं को लेकर बातचीत की जाए।बैठक में रिटायर्ड आइएएस विनोद शर्मा ने कहा कि समिति में सभी तरह के लोग हैं, इसलिए सभी अपने-अपने अनुभव के आधार पर सभी सुझाव लिखित में दें, ताकि उन पर अमल हो सके। गंदगी फैलाने, सड़कें खोदने, पानी अथवा पेड़ काटने वालों पर जुर्माना न करते हुए कोर्ट का चालान बनाया जाए व घरों पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाए, ताकि अधिक से अधिक संपत्तिकर मिल सके। रिटायर्ड आइएएस आरके जैन ने कहा कि शहर में जो भी विकास कार्य हो रहे हैं, उनकी समय सीमा निर्धारित की जाए। शहर तेजी से बढ़ रहा है, उसके लिए शहर में रिंग रोड बनाई जाए। इससे ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सके। शहर में पार्किंग की व्यवस्था भी की जाए। रिटायर्ड आइएएस अखिलेंदु अरजरिया ने कहा कि शहर में सबसे बड़ी समस्या बाजारों में पार्किंग है, इसलिए कालोनी में भी पार्किंग बनाई जाएं। शहर के प्रत्येक कार्य व सड़क के लिए लाग बुक होना चाहिए। पुरातत्व विभाग के प्रो. आरए शर्मा ने कहा कि अमृत योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन घरों में पानी अभी भी आधा घंटे से अधिक नहीं आता है। हर गली-मोहल्ले में एक बोर्ड लगाना चाहिए जिस पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी का मोबाइल नंबर अंकित हो। वन संरक्षक आइएफएस ओपी उचाड़िया ने कहा कि शहर को प्रदूषण से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण होना चाहिए। इसके लिए सही प्लानिंग कर ली जाए। पूर्व संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा दिनेश बाथम ने कहा कि शहर में जहां भी नई-नई कालोनियां बनाई जा रही हैं, वहां सड़क किनारे डक्ट बनाए जाना चाहिए। इससे हर दिन पानी, सीवर व इंटरनेट के लिए लाइन को नहीं खोदना पड़ेगा। लोक निर्माण विभाग के रिटायर्ड मुख्य अभियंता आरएल भारती ने कहा कि सड़कों पर फुटपाथ, सीवर व पानी की लाइन के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। इंजीनियरों को पहले एक सैंपल रोड बनानी चाहिए, जहां ये सारी व्यवस्थाएं हों। वहीं पीडब्ल्यूडी के ही रिटायर्ड कार्यपालन यंत्री मोहर सिंह जादौन ने कहा कि सड़क बनाने से पहले नालियों का डिजाइन बनाना चाहिए, इससे सड़कों पर भविष्य में पानी नहीं भरेगा। शहर में अधिकतर एलिवेटेड रोड बनाने चाहिए।
