नवंबर से जनवरी तक 1650 लोगों को हार्ट अटैक:इनमें 90% को कभी कोरोना नहीं हुआ; जो 10% संक्रमित, उनमें से भी 2% एडमिट हुए

लोकमतसत्याग्रह/ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ गए हैं। जनवरी के पहले सप्ताह में ही भोपाल में 270 से ज्यादा लोगों को हार्ट अटैक आ चुका है। इस बीच यह चर्चा जोरों पर है कि कोरोना और वैक्सीन लगवाने के कारण हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आई है, लेकिन हकीकत में जिन लोगों को हार्ट अटैक आए उनमें से महज 10% को कोरोना हुआ था।

2% मरीज ऐसे थे जिनको संक्रमित होने पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। 8% मरीजों को कोरोना तो हुआ, वे होम आइसोलेशन में ही रिकवर हो गए थे। शहर के 3 बड़े सरकारी और 5 निजी अस्पतालों के नवंबर से जनवरी तक के डेटा के एनालिसिस से यह तथ्य सामने आए हैं।

5 साल में 10% बढ़े मामले…

हार्ट अटैक के मामलों में धीमी गति से ही सही, लेकिन तेजी आ रही है। नवंबर 2018 में 589 मामले आए जबकि, नवंबर 2022 में 650 लोगों को अटैक आया। यानी पांच सालों में 10.35 % का इजाफा हुआ। हालांकि राहत की बात ये है कि ऐसे मामलों में डेथ रेट सिर्फ 10% है।

डॉक्टर्स बोलेकोरोना से कोई लिंक साबित नहीं

शहर के कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि ऐसा किसी रिसर्च में साबित नहीं हुआ कि कोरोना होने या फिर वैक्सीन लगाने के बाद हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। हार्ट अटैक के मामले कोरोना आने से पहले भी होते थे। कोरोना पर काबू होने के बाद भी हार्ट अटैक के मामलों में बड़ी भारी बढ़ोतरी नहीं हुई है। कोरोना संक्रमित होने या फिर कोरोना वैक्सीन लगवाने के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं यह कहना जल्दबाजी होगी।

ज्यादातर मरीज ऐसे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लगी

हाल के दिनों में जिनको हार्ट अटैक आया उनमें से अधिकांश मरीज ऐसे हैं जिनको कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। कुछ एक मरीज वह भी थे जिनको तीसरा यानी बूस्टर डोज भी लगाया जा चुका था। जबकि, 90% वह थे जिनको कोरोना संक्रमण नहीं हुआ था। 2% मरीज ही ऐसे निकले कोरोना पॉजीटिव हुए थे और उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

हाल के दिनों में जिनको हार्ट अटैक आया उनमें से अधिकांश मरीज ऐसे हैं जिनको कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। कुछ एक मरीज वह भी थे जिनको तीसरा यानी बूस्टर डोज भी लगाया जा चुका था। जबकि, 90% वह थे जिनको कोरोना संक्रमण नहीं हुआ था। 2% मरीज ही ऐसे निकले कोरोना पॉजीटिव हुए थे और उनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

5 साल में अटैक के मामले
साल नवंबर दिसंबर जनवरी

  • 2022-23 650 730 270
  • 2020-21 615 620 791
  • 2018-19 589 645 775

आंकड़े शहर के 3 सरकारी और 5 निजी अस्पतालों से लिए गए हैं।

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