रामचरितमानस से नफरत वाले बयान पर कायम बिहार के मंत्री:जीभ काटने पर 10 करोड़ का इनाम; नीतीश बोले – मामले की जानकारी नहीं

लोकमतसत्याग्रह/बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान पर बिहार से लेकर पूरे देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। उन्होंने बुधवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा था कि रामचरितमानस से नफरत फैलती है।

अयोध्या के संत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने उन्हें पद से हटाने की मांग कर दी है। साथ ही कहा है कि उनकी जीभ काट कर लाने वाले को 10 करोड़ का इनाम देंगे।

इधर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि रामचरितमानस को लेकर दिए गए अपने बयान पर कायम हैं। जो लोग मेरी जीभ काटना चाहते हैं काटें, कोई तो अमीर हो जाएगा। हम तो जलने वाले लोग हैं, जब तक जलेंगे नहीं, तब तक निखरेंगे नहीं।

दरभंगा पहुंचे CM नीतीश कुमार से जब इस मामले पर पत्रकारों ने प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि अभी मुझे जानकारी नहीं है। इस पर जानकारी लेकर देखेंगे।

उधर, दिल्ली में दिल्ली के द्वारका थाने में बिहार के शिक्षा मंत्री के खिलाफ FIR हुई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने कराई है।

सुशील मोदी ने की बर्खास्त करने की मांग
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान नफरत फैलाने वाला है। ऐसे लोगों को पद पर रहने का हक नहीं है। नीतीश कुमार तुरंत ही शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें। इधर, बजरंग दल समेत अन्य हिंदू संगठनों ने पटना और रोहतास में शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंत्री का पुतला जलाकर बर्खास्त करने की मांग की।

इधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वोट बैंक के लिए हिंदुओं को गाली दिलवा रहे हैं। हमारे पवित्र मानस पर आपत्तिजनक शब्द कहलवा रहे हैं। क्या नीतीश कुमार के मंत्रियों में हिम्मत है कि वह कुरान और आयतों के बारे में ऐसा कुछ कहें? इसे बंद करना होगा, नहीं तो हिंदू इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

नेता प्रतिपक्ष बोलेहम कराएंगे इलाज
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि चंद्रशेखर का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। लालू प्रसाद जी से आग्रह है कि उनका इलाज कराएं। हम अपने खर्चे पर उनका इलाज कराने को तैयार हैं।

भाजपा बिहार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि ‘दुर्भाग्य देखिए…हिन्दुओं के बारे में ऐसा विकृत और हीन मानसिकता रखने वाला व्यक्ति बिहार का शिक्षा मंत्री बना बैठा है।

रामचरितमानस पर भाजपा का कॉपीराइट है क्या?
इस मामले में राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रामचरितमानस पर भाजपा का कॉपीराइट है क्या? उस पर भाजपा ने अपने कमल छाप की मोहर थोड़े ना लगाकर रखी है। हमारी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है और सभी ग्रंथों का भी सम्मान करती है। शिक्षा मंत्री के बयान को गलत अर्थों में दिखाया जा रहा है।

हालांकि मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह शिक्षा मंत्री का निजी बयान है। अब इस पर आगे वही बताएंगे कि उन्होंने किस संदर्भ में इसे दिया है। रामचरितमानस पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह उपदेश और ज्ञान भाजपा को मुबारक हो।

कुमार विश्वास ने भी जताई नाराजगी

जाने-माने कवि डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा है कि आदरणीय नीतीश कुमार भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है। आपके लिए मेरे मन में अतीव आदर है। इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं। इन्हें “अपने अपने राम” सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो।’

शिक्षा मंत्री ने कहा थाहम टाइटल नहीं लगाते, आज सामने आया पुराना पर्चा
शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर से कल जब मीडिया ने सवाल किया कि आपने अपने नाम में क्या रखा है, इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम आगे-पीछे कोई टाइटल नहीं लगाते, ताकि जाति का पता न चले। इसके बाद पूछा गया कि अगर अब आपसे जाति पूछी जाएगी तो क्या बताएंगे, इस सवाल का उन्होंने गोलमोल जवाब दिया।

वहीं आज शिक्षा मंत्री के नाम से एक पर्चा वायरल हो रहा है, जिसमें उनका नाम चंद्रशेखर यादव लिखा है और वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 120-मधेपुरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से खड़े हुए हैं।

बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने मनु स्मृति और रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। उन्होंने कहा- रामचरित मानस समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है। चंद्रशेखर RJD से विधायक हैं।

शिक्षा मंत्री पटना के ज्ञान भवन में आज नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में अतिथि थे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सशक्त और समृद्ध मोहब्बत से बनेगा, न कि नफरत से। देश में छह हजार से अधिक जातियां हैं। जितनी जातियां हैं, उतनी ही नफरत की दीवार है। जब तक यह समाज में मौजूद रहेगी, भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता है।

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