लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर राज्य साइबर जोन पुलिस के हाथ एक शातिर ठग लगा है। इस ठग की दो साल से पुलिस तलाश कर रही थी। इसने शहर के एक व्यापारी को क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने के नाम पर लगभग एक लाख रुपए ठगे थे। ठग बेहद शातिर है। यह ओडिशा के नंबर के सिम कार्ड से दिल्ली में बैठकर लोगों को ठग रहा था।
दो साल पहले वारदात करने के बाद उस ने सिम बंद कर दी थी, लेकिन वापस उसे मोबाइल में लगाते ही पुलिस को लोकेशन मिली। लोकेशन हाथ में आते ही ठग को साइबर पुलिस उठा लाई। आरोपी के पास से ओडिशा के अलावा मध्य प्रदेश के कई शहरों की सिम मिली हैं। यह इतना शातिर है कि मिनटों में अकाउंट खाली कर जाता था।
एसपी राज्य साइबर जोन ग्वालियर सुधीर अग्रवाल ने बताया कि लश्कर निवासी अभिषेक चतुर्वेदी व्यवसायी हैं। दो साल पहले उन्होंने क्रेडिट कार्ड लिया था। कार्ड लेने के बाद उनके पास एक कॉल आया और कॉल करने वाले ने क्रेडिट कार्ड कंपनी का कर्मचारी बताकर अपना नाम सोनू चौहान बताया था। इसके बाद उसने क्रेडिट कार्ड को एक्टिव करने के नाम पर जानकारी ली और व्यवसायी के खाते से करीब एक लाख रुपए से ज्यादा पार कर दिए थे। व्यापारी ने मामले की शिकायत राज्य साइबर जोन ग्वालियर में लिखित शिकायत की थी। जिस पर मामला दर्ज कर मामले की जांच की जो पता लगा कि जिस नंबर से कॉल आया था वह ओडिशा का है। इसके बाद उस नंबर की जांच की तो जो पता मिला वह फर्जी निकला। इस पर साइबर जोन पुलिस ने इस नंबर को निगरानी में लिया।
दो साल बाद पुलिस के हाथ आया ठग
पिछले दो साल से साइबर सेल की टीम सिम के आधार पर ओडिशा और मध्य प्रदेश के शिवपुरी में पड़ताल करती रही, लेकिन सिम बंद करने के कारण आगे जांच नहीं बढ़ सकी। अब जब सिम चालू हुई तब जाकर पता चला कि ठग ने वारदात को दिल्ली से अंजाम दिया है और अभी भी वह दिल्ली में है। दो दिन से साइबर सेल की टीम टीआई जतेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व उपनिरीक्षक शैलेन्द्र राठौर, आरक्षक राजबीर सिंह, राधारमन त्रिपाठी और सुुभाष आर्य दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। शुक्रवार को टीम ने आरोपी को दबोच लिया। अब साइबर सेल की टीम पकड़े गए आरोपी से पूछताछ में जुट गई है, जिससे उसके इस रैकेट में शामिल अन्य साथियों का पता लगाया जा सके।
मिनटों में खाली कर देता था खाता
– पकड़ा गया आरोपी राजेश इतना शातिर है कि वह कॉल करता है और बात करते-करते मिनटों में सामने वाले का क्रेडिट कार्ड अकाउंट या बैंक अकाउंट खाली कर देता है। वह दो साल में कई लोगों को टारगेट कर चुका है। अब पुलिस उससे पता लगा रही है कि उसको क्रेडिट कार्ड का डेटा कैसे मिला था।
यह रखे सावधानी
– मोबाइल पर किसी से भी अपनी पर्सनल डिटेल शेयर न करें
– बैंक अधिकारी बनकर कॉल करने वालों को कोई जानकारी न दे।
– किसी अनजान को अपने आधार कार्ड या अन्य डिटेल न दें
– सिम खरीदते समय दस्तावेज संभालकर दें
– मोबाइल पर आया OTP किसी से शेयर न करें
