लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर में संक्रांति की रात से ही ठंड ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। ग्वालियर में सीजन की सबसे ठंडी रात संक्रांति की रात रही है। ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस रही है। यही कारण है कि ग्वालियर के आसपास हाइवे से लगे इलाकों में गाड़ियों के कांच पर बर्फ जम गई है।
सुबह लोग उठे तो कारों के कांच पर ओस की बूंदे बर्फ के रूप में देखी तो VIDEO बनाए और वायरल किए। जम्मू-कश्मीर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण ग्वालियर-चंबल अंचल में हाड़ कपा देने वाली सर्दी शुरू हो गई है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में सर्दी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है और शहरवासियों को सर्दी की मार झेलनी पड़ेगी।
ग्वालियर-चंबल अंचल में एक सप्ताह के ब्रेक के बाद सर्दी का सितम शुरू हो गया है। बीते दो दिन से जल रही शीतलहर का असर तापमान पर दिखने लगा है। रविवार को दिन मंे जहां अधिकतकम तापमान 19.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ तो वहीं सोमवार सुबह न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। इसी के साथ रविवार-सोमवार दरमियानी रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही है। इससे नीचे अभी तक तापमान नहीं पहुंचा है। यही कारण है कि लोगों को रात को गलन वाली ठंड का अहसास हुआ है। सुबह होते ही सड़कों पर लोग अलाव के सहारे बैठे नजर आए हैं।
मौसम वैज्ञानिको का कहना है कि बर्फबारी के बाद हवा का रुख बदलते ही ठंड का अंचल में तीसरा राउण्ड शुरु हो चुका है, जिसके चलते आने वाले दो दिनों तक कोल्ड-डे की स्थिति बनी रहने से दिन व रात का पारा गिरने से ठंड के साथ गलन व ठिठुरन भरी ठंड से फिलहाल 48 घंटों तक राहत के आसार नहीं है।
हाइवे से लगे इलाको में जमी बर्फ
– रविवार-सोमवार दरमियानी रात अभी तक की सबसे ठंडी रात रही है। इस सीजन में इससे नीचे पारा नहीं गया है। यही कारण है कि हाइवे से लगे शहर के इलाकों में गाड़ियों के कांच पर बर्फ तक जम कई है। पुरानी छावनी, सिंकदर कंपू, गुढ़ा इलाकांे में इस तरह के मामले सामने आए हैं।
नए सिस्टम के एक्टिव होते ही मिलेगी राहत
मौसम वैज्ञानिक सीके उपाघ्याय ने बताया कि उत्तर भारत से अंचल में आ रही बर्फीली हवा का आना अभी दो से तीन दिन तक लगातार बना रहेगा। जिसके कारण दिन व रात का पारा लगातार गिरने से रात के साथ ही दिन में भी ठंड लोगों को खासा परेशान करती रहेगी। लेकिन सर्द हवा के लगातार चलने से कोहरे से राहत मिलेगी। उपाध्याय ने बताया कि 18 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कुश्मीर में एक्टिव हो जाएगा। इस नए सिस्टम के एक्टिव होते ही पहाड़ों से सर्द हवा का आना थमेगा और अंचल के लोगों को ठंड से राहत मिलेगी।
24 जनवरी से मावठ की संभावना
– मौसम वैज्ञानिक सीके उपाध्याय ने बताया कि 24 जनवरी को इस साल का तीसर पश्चिमी विक्षोभ अंचल में प्रवेश करेगा। इस सिस्टम के असर के चलते वातावरण में आद्र्रता सौ फीसदी बनी रहने के कारण मौसम बदलेगा और सिस्टम के प्रभाव से हल्की बारिश यानि मावठ देखने को मिल सकती है। इस सिस्टम के चलते केवल हल्की बारिश होने की संभावना बन रही है। वहीं 26 जनवरी के बाद मौसम पूरी तरह से शुष्क होते ही ठंड से राहत मिलना शुरु हो जाएगी।
