अगले लोकसभा चुनाव तक जेपी नड्डा ही रहेंगे भाजपा अध्यक्ष, जून 2024 तक बढ़ाया गया कार्यकाल

लोकमतसत्याग्रह/भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि जेपी नड्डा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारणी ने आज प्रस्ताव किया है। राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव को रखा है। सभी भाजपा के सदस्यों ने इसे स्वीकार किया है। जेपी नड्डा को जून 2024 तक के लिए भाजपा के अध्यक्ष के रूप में इनका कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है।



अमित शाह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा 2024 में और भी बड़े बहुमत से जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व पीएम के रूप में करेंगे।



20 जनवरी को समाप्त हो रहा था कार्यकाल
जेपी नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इसी साल 20 जनवरी को समाप्त हो रहा था। इसके पहले वह जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। उसके बाद 20 जनवरी 2020 को उन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाली थी। भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष को लगातार तीन साल के लिए दो कार्यकाल दिए जाने का प्रावधान है। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले नड्डा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में दो दिसंबर 1960 को हुआ था।

शाह ने नड्डा के नेतृत्व की भी सराहना की
अमित शाह ने इस दौरान नड्डा के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उनकी अध्यक्षता में भाजपा को कई अहम चुनावों में जीत मिली। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक राष्ट्रीय राजधानी स्थित नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् (एनडीएमसी) के कन्वेंशन सेंटर में सोमवार को शुरु हुई थी।


350 वरिष्ठ नेता इस कार्यकारिणी में भाग ले रहे
प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह कार्यकारिणी स्थल पहुंचे। उनके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के करीब 350 वरिष्ठ नेता इस कार्यकारिणी में भाग ले रहे हैं। इनमें पार्टी शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्री व पांच उपमुख्यमंत्री तथा 35 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

अगले एक साल में भाजपा के सामने कई अहम चुनौती
अगले साल 2024 में प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार देश की जनता से जनमत मांगेगे। उसके पहले 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और यह चुनाव आम चुनाव को लेकर राजनीतिक धारणा बनाने में भूमिका निभाते हैं। इनमें खासतौर पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक में पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा की दृष्टि से बेहद अहम होगा। गौरतलब है कि इन राज्यों की 93 में से 87 सीटें इस समय पार्टी के पास है।

विधानसभालोकसभा चुनाव के लिए बनी रणनीति
सूत्रों की मानें तो भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विधानसभा और लोकसभा चुनाव की ब्यूहरचना पर अलग-अलग चर्चा हुई। इस साल त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से ज्यादातर राज्यों में भाजपा या फिर उसके सहयोगी दलों की सरकार है। बैठक में इन राज्यों में सत्ता बचाने और राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी पर गंभीर विमर्श हुआ। खासतौर से छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव को केंद्र की सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है।

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