लोकमतसत्याग्रह/केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने नौकरियों में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश की है। साथ ही उन्हें नौकरी और पारिवारिक जीवन में संतुलन प्रदान किया है। इसके अलावा सरकार ने महिला कर्मचारियों को 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश देने का फैसला किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से किए गए सुधार के बाद महिला कर्मचारियों को एक बेहतर माहौल मिल रहा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) उन्हें लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग महिला कर्मचारियों को विशेष भत्ता बच्चों की देखरेख के लिए दिया जा रहा है। यह भत्ता तीन हजार रुपये तक दिया जा रहा है। यौन उत्पीड़न की जांच को लेकर विशेष अवकाश की व्यवस्था की गई है।
60 दिनों के विशेष मातृत्व अवकाश
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु के मामले में केंद्र सरकार की सभी महिला कर्मचारी 60 दिनों के विशेष मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु के कारण होने वाले संभावित भावनात्मक आघात को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिसका मां के जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। 730 दिनों का बाल पालन-पोषण अवकाश (सीसीएल) जारी रखने के साथ कुछ नए कदम भी उठाए गए हैं, जिनमें सीसीएल के दौरान महिला कर्मी को रियायती यात्रा की अनुमति शामिल है।
इस तरह मिलेगा लाभ
विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ केवल दो से कम जीवित बच्चों वाली महिला केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और केवल अधिकृत अस्पताल में प्रसव के लिए स्वीकार्य होगा। अधिकृत अस्पताल को केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत सूचीबद्ध सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल के रूप में परिभाषित किया गया है। डीओपीटी के आदेश में कहा गया है कि गैर-सूचीबद्ध निजी अस्पताल में आपातकालीन प्रसव के मामले में आपातकालीन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
