लोकमतसत्याग्रह/खेरिया स्थित आगरा हवाईअड्डे से अब और उड़ानों की आवाजाही हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की याचिका पर सुनवाई करते हुए आगरा हवाईअड्डे से उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इस आदेश से धनौली में प्रस्तावित नए सिविल एन्क्लेव को बनाने का उद्देश्य भी पूरा हो सकेगा। इसके लिए 55 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आवेदन पर सुनवाई करते हुए टर्मिनल के निर्माण और उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर निर्देश पारित किया। एएआई ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर 11 दिसंबर, 2019 के आदेश में संशोधन की मांग की थी। उस आदेश में अदालत ने केंद्र को अगले आदेश तक आगरा हवाई क्षेत्र पर हवाई यातायात को बढ़ाने के लिए कोई अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया था।
आगरा हवाईअड्डे से उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति
अपनी याचिका में एयरपोर्ट अथारिटी ने यही तर्क दिया कि धनौली में प्रस्तावित एन्क्लेव का निर्माण नहीं किया जा सकता, जब तक कि हवाई उड़ानों की संख्या नहीं बढ़ाई जाती। इसीलिए अथारिटी ने बीते साल एन्क्लेव के निर्माण को ही ड्रॉप कर दिया। एन्क्लेव का टेंडर भी टाटा प्रोजेक्ट्स को दिया जा चुका था और मिट्टी के सैंपल लेकर कंपनी जांच भी करा चुकी थी, लेकिन हवाई उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर रोक के कारण एयरपोर्ट अथारिटी ने 398 करोड़ रुपये की योजना को रोक दिया था।
33,400 वर्गमीटर में बनेगा नया सिविल एन्क्लेव
योजना को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने और पर्यटकों के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा सिविल एन्क्लेव (टर्मिनल) की जगह नए सिविल एन्क्लेव का विकास प्रस्तावित किया है। एएआई का कहना था कि 33,400 वर्गमीटर के भवन क्षेत्र वाला नया एन्क्लेव उस क्षेत्र पर प्रस्तावित है, जो ताज ट्रेपिजियम जोन (टीटीजेड) की भौगोलिक सीमा के अंदर आता है। प्रस्तावित क्षेत्र सभी बाधाओं से मुक्त है और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे स्थानांतरित कर दिया है। प्राधिकरण ने प्रस्तुत किया कि शीर्ष अदालत ने 4 दिसंबर, 2019 और 11 दिसंबर, 2019 के अपने आदेश में पहले ही न्यू सिविल एन्क्लेव (टर्मिनल) के निर्माण की अनुमति दे दी है।
हवाई उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति देने के माननीय न्यायालय के आदेश का बहुत स्वागत है।इस सप्ताह एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक करके उड़ानों और एन्क्लेव की बाधाओं को दूर करेंगे। -प्रो. एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिना देर किए सिविल एन्क्लेव का टेंडर दोबारा कराकर काम शुरू कराया जाए। जितना जल्दी एन्क्लेव बनेगा, उतनी जल्दी उड़ानों की संख्या बढ़ेगी। सुविधा बढ़ेगी, बल्कि कारोबार भी बढ़ेगा। -प्रहलाद अग्रवाल, अध्यक्ष, आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर
