लोकमतसत्याग्रह/आने वाले दिनों में भारत डिजिटल की दुनिया में सबसे आगे होगा। अगले दस सालों में डिजिटल क्षेत्र में सबसे बड़ी संचार क्रांति होने वाली है। बस इस दौरान सबसे ज्यादा सजगता और ध्यान फेक न्यूज़ को रोकने के साथ-साथ क्वॉलिटी कंटेंट और बिजनेस मॉडल को अपग्रेड करने की जरूरत होगी। यह कहना है ऑस्ट्रेलिया के सांसद और डिजिटल क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया में पूर्व संचार मंत्री रह चुके पॉल फ्लेचर का। फ्लेचर शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित डीएनपीए की फीचर ऑफ डिजिटल मीडिया कॉन्फ्रेंस में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान अमर उजाला डॉट कॉम से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने डिजिटल हो रही दुनिया में डिजिटल बिजनेस और कंटेंट पर अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल मीडिया का सबसे ज्यादा स्कोप भी है और आने वाले दिनों में उसकी सबसे बड़ी पहुंच होगी। इसके पीछे तर्क देते हुए कहते हैं कि भारत सरकार ने जिस तरीके से डिजिटली अपनाया है और देश के लोगों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है वह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। वह कहते हैं कि बीते कुछ सालों की ही बात अगर आप बात लें, तो पता चलेगा कि देश में डिजिटलाइजेशन खासकर बैंकिंग डिजिटलाइजेशन न के बराबर था। लेकिन अब हालात कितनी तेजी से बदले हैं। वह कहते हैं कि यह एक बहुत बड़ा उदाहरण है देश में हो रहे डिजिटलाइजेशन का।
फ्लेचर कहते हैं कि भारत में सिर्फ बैंकिंग डिजिटलाइजेशन की बात नहीं है, यहां की ज्यादा आबादी खासतौर से युवाओं की आबादी भी देश को डिजिटल की दुनिया में सबसे आगे रखने वाली है। वह कहते हैं कि आज भारत में युवाओं से लेकर हर तबके के लोगों के पास स्मार्टफोन भी है। भारत को डिजिटलाइजेशन की दुनिया में आगे बढ़ाने में यह सबसे बड़ा कारण भी है। फ्लेचर कहते हैं कि भारत में इतनी भाषाएं हैं कि डिजिटल के रोजगार के लिहाज से भी अलग-अलग भाषाओं के माध्यम से डिजिटली अपग्रेड किया जा सकता है। वे कहते हैं कि भारत में जो भी रहा है वह डिजिटल के लिहाज से बहुत बेहतर है।
हालांकि डिजिटल हो रही दुनिया में फ्लेचर की चिंता डिजिटल लिटरेसी को लेकर बहुत ज्यादा है। उनका कहना है कि जितने ज्यादा लोगों के हाथों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होगीं, उतनी ही ज्यादा डिजिटल साक्षरता की भी जरूरत है। इसके पीछे की वजह बताते हुए वह कहते हैं कि क्योंकि डिजिटलाइजेशन के दौर में सूचना क्रांति सबसे ज्यादा बढ़ रही है। वह कहते हैं कि जब तक लोग डिजिटली साक्षर नहीं होंगे, तब तक सूचनाओं में फेक न्यूज़ की पहुंच बढ़ सकती है। इसलिए ज्यादा जरूरी है कि लोग खासतौर से मीडिया हाउसेज, जिनके अपने डिजिटल प्लेटफार्म हैं, वे खबरों और सूचनाओं में जितने ज्यादा फिल्टर लगाकर सही सूचनाएं देंगे, वही सही मायनों में डिजिटल क्रांति में भी एक बड़ा कदम होगी।
भारत में डिजिटल न्यूज़ और बिजनेस को लेकर उन्होंने कहा कि यहां के डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स को तय करना है कि डिजिटल हो रही दुनिया में किस तरीके से एक बड़ा बिजनेस मॉडल तैयार करना है। रही बात भारत में मीडिया की नीतियों की तो यह भारत सरकार को देखना है। कहते हैं कि हमने अपने ऑस्ट्रेलिया के अनुभव को तो यहां के प्लेटफार्म पर साझा किया है। अब यहां की नीतियों और मॉडल को सरकार को बनाना है। हालांकि उनका कहना है कि भारत के आईटी सेक्टर ने असाधारण सफलता हासिल की है। टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों की ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर मौजूदगी है। भारत ने आम नागरिकों तक सेवाएं पहुंचाने में भी आईटी की बड़ी मदद ली है। यह असाधारण है। यह मोदी सरकार, आईटी सेक्टर और मोबाइल सेवा प्रदाताओं की सफलता है।
