लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर में 74 वें गणतंत्र दिवस पर केंद्रीय जेल से 20 बंदियों को रिहा किया गया है। इनमें से 3 बंदी जेल में ही अन्य प्रकरण में अपनी आगे की सजा काटेंगे। यह रिहाई जेल प्रशासन की अनुशंसा के बाद शासन के आदेश पर की गई है, तो वहीं 3 कैदी ऐसे भी रिहा किए गए हैं, जिन पर मामूली अपराध थे। वे जुर्माना नहीं भरने के कारण बंद थे। इन बंदियों को जेल प्रशासन ने शॉल, श्रीफल और माला पहनाकर विदा किया। जेल की चार दीवारी से बाहर आते अपनों को देख बंदियों की आंखें नम हो गईं।
केंद्रीय जेल से प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर अच्छे आचरण के चलते कैदियों को रिहा किया जाता है। 74 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 20 कैदियों को सरकार मुहर लगने के बाद छोड़ा गया है। वहीं छोड़े गए 20 बंदियों में से 3 बंदी जेल में ही अन्य प्रकरण में अपनी आगे की सजा काटेंगे। इनके स्थान पर अन्य तीन बंदी छोड़े गए हैं जो मामूली अपराध में जुर्माना नहीं भरने कारण जेल में सजा काट रहे थे।
हत्या ने बहुत कुछ छीन लिया, अब अपनी खेती संभालेंगे
जेल से रिहा हुए बंदी गुड्डा उर्फ रामेश्वर सिंह का कहना था कि जमीन के विवाद के कारण हत्या के आरोप में 14 साल बाद वह छूट गए हैं। उन्होंने जो जेल में 14 साल मेहनत की है, उसका मेहनताना नहीं मिला है। हत्या करने के बाद वह 14 साल जेल में रहे। इस दौरान उन्होंने अपना बहुत कुछ खोया है पर अब घर जाकर अपनी खेती बाड़ी देखेंगे।
रिहाई से पहले दिलाया संकल्प
जेल से रिहा हुए बंदियों को जेल प्रबंधन विदित सरवइया ने माला पहनाकर भोजन के पैकेट और मेहनताना देकर विदा किया है। साथ ही उन्हें संकल्प दिलाया कि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर जीवन यापन करेंगे। जेल से रिहा होने पर बंदियों के चेहरे पर घर जाने की खुशी नजर आ रही थी।
