लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर के पास मुरैना के आसमान में टकराने के बाद क्रैश हुए मिराज 2000 में शहीद हुए इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर हनुमंथ राव सारथी का रविवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृव निवास गणेशपुरम बेलागावी कर्नाटक में अंतिम संस्कार किया गया है। यहां काफी संख्या मे शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए राजनीतिक व सामाजिक लोग मौजूद थे। सोशल मीडिया पर भी आसमान का यह हीरो छाया हुआ है।
सोशल मीडिया पर एक ही आवाज आ रही है “ब्लू स्काई फॉरएवर सर’ जिसका मतलब है यह नीला आसमान हमेशा आपका है सर। रविवार को दिल्ली से सेट्रल कमांड के एओसी एपी सिंह भी जांच के लिए ग्वालियर पहुंचे हैं। वह जांच के लिए मुरैना और भतरपुर राजस्थान भी गए हैं।
28 जनवरी को ग्वालियर के पास मुरैना पहाड़गढ़ के जंगल में ग्वालियर एयरबेस से उड़े दो लडाकू विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 आपस में टकराने के बाद क्रैश हो गए। मिराज को चला रहे विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी की जान चली गई, जबकि दो विंग कमांडर मिथान पीएम, विजय पाटिल घायल हो गए हैं। पर क्या आप जानते हैं कि क्रैश होने वाला मिराज-2000 विमान था जिसने पुलवामा अटैक में 40 CRPF जवान की मौत के बाद बालाकोट में चल रहे आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक कर भारत का सिर शान से ऊपर किया था। इसी फाइटर प्लेन को प्रैक्टिस सेशन में उड़ाते समय क्रैश हाेने के बाद शहीद हुए विंग कमांडर की पार्थिव देह ग्वालियर मिलिस्ट्री हॉस्पिटल से सुबह उनके पैतृक घर गणेशपुरम बेलगावी कनार्टर के लिए रवाना की गई थी। उनके पार्थिव देह के नाम पर एयरफोर्स के बाद कुछ ज्यादा नहीं था। उनका पूरा शरीर मिराज क्रैश में छतबिछत हो गया था। दोपपहर कनार्टक के बेलगावी में शव पहुंचने के बाद शहीद की पार्थिव देह को मुक्तिधाम ले जाया गया। जहां पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर सहित कई लोगों ने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर दिवंगत को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद शाम को पूरे सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।
घायल पायलटों से समझी घटना, जांच अधिकारी स्पॉट पर भी गए
– ग्वालियर के पास मुरैना के आसमान में दो फाइटर प्लेन (मिराज-2000, सुखोई-30) के टकराने के बाद क्रैश होने की जांच रक्षा मंत्रालय ने शुरू कर दी है। रविवार को दिल्ली सेन्ट्रल कमांड के (एयर ऑफिसर इन कमांडिंग) एपी सिंह ग्वालियर पहुंचे। सबसे पहले ग्वालियर के मुरार स्थित मिलिस्ट्री हॉस्पिटल में सुखाई-30 के घायल पायलटों से बातचीत की और जाना कि हवा में क्या परिस्थितियां बनी जिसके बाद यह फाइटर प्लेन आपस में टकराने के बाद क्रैश हुए। इसके वह मुरैना के पहाड़गढ़ में घटना स्थल पर पहुंचे। वहां घटना स्थल का जायजा लेने और जरुरी जांच करने के बाद भरतपुर राजस्थान पहुंचे और यहां भी स्पॉट पर जांच की है।
मिराज का पूरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर मिला, सुखोई का आधा
भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमानों (एक सुखोई-30 एमकेआई और एक मिराज-2000) में से एक विमान का पूरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) मिला है, जबकि दूसरे विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का आधा हिस्सा ही मिला है। यह जानकारी एक अधिकारी ने रविवार को दी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर एक छोटी मशीन है जो उड़ान के दौरान एक विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करती है और इसका उपयोग दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए किया जाता है
सोशल मीडिया पर बोले-34 साल का था हीरो
– सोशल मीडिया पर लोगों ने कमेंट किया है कि 34 साल का था सिर्फ हीरो। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में टैक्टिक्स एंड एयर कॉम्बैट डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (टीएसी-डीई) के प्रशिक्षक विंग कमांडर सारथी के आवास पर मातम छा गया है। उनके अचानक निधन से उनके परिजन व रिश्तेदार में काफी शोक है। विंग कमांडर सारथी की उम्र 34 साल है। विंग कमांडर के परिवार में उनकी पत्नी, तीन साल की एक बेटी और एक साल का बेटा है। विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के परिवार में सभी रक्षा पृष्ठभूमि से ही आते हैं। सारथी के पिता रेवांसिद्दप्पा सारथी एक सेवानिवृत्त कप्तान रह चुके हैं। तो वहीं भाई प्रवीण सारथी इंडियन एयरफोर्स में ही ग्रुप कैप्टन हैं।
अभी तक 14 हादसे, अंचल में 8, तीन की हो चुकी है मौत
– मिराज 2000 पिछले तीन दशक से इंडियर एयरफोर्स की ताकत बना हुआ है, लेकिन इसका हादसों से भी नाता रहा है। अभी तक यह फाइटर प्लेन 14 बाद हादसों का शिकार हो चुका है। मतलब मिराज 2000 चौदह बार क्रैश हो चुका है। ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अंचल में करीब 8 बार यह दुर्घटना का शिकार हो चुका हैं। जिनमें तीन पायलट की मौत हो चुकी है। जिसमें यह मुरैना का हादसा भी शामिल है।
– 21 अक्टूबर 2021 को विमान हादसा भिंड के बबेड़ी गांव के खेतों में हुआ था। भारतीय वायुसेना का फाइटर जेट मिराज 2000 ग्वालियर एयरफोर्स स्टेशन से नियमित उड़ान पर था। एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान के कुछ ही देर बाद फाइटर जेट क्रैश हो गया। इस फाइटर प्लेन को फ्लाइट लेफ्टिनेंट अभिलाष पांडे उड़ा रहे थे। इस हादसे में वह सुरक्षित रहे और प्लेन के क्रैश होने से पहले वह पैराशूट की मदद से प्लेन से बाहर निकल गए और बाद में नजदीक ही एक खेत में उतरे।
– 27 फरवरी को विमान टारगेट से करीब 6 एनएम की दूरी पर था तभी अचानक उसमें धुआं उठा और आग लग गई। विमान उड़ा रहे स्क्वाड्रन लीडर शिवानंद और साथ में सवार ग्रुप कैप्टन वायएस नेगी ने पैराशूट से कूदकर कर अपनी जान बचाई। विमान खेत में जाकर गिरा, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। बता दें कि शिवानंद को ट्रेनिंग दे रहे ग्रुप कैप्टन वायएस नेगी 27 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक प्लानर थे।
यह हुआ है मुरैना में हादसा
– शनिवार सुबह 10 बजे ग्वालियर एयरबेस से मिराज 2000 व सुखाेई-30 लड़ाकू विमानों ने रूटीन प्रैक्टिस सेशन शुरू किया। करीब 10.30 बजे मुरैना के पहाड़गढ़ के ऊपर दोनों विमान तकनीकी चूक के चलते आपस में टकराए । जिस पर मिराज 2000 मुरैना के पहाड़गढ़ में गिरा, लेकिन वह चलता हुआ गिरा इसलिए उसके पायलट विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी खुद को इजेक्ट नहीं कर सके और उनकी परखच्चे उड़ गए, जबकि सुखोई विमान के पायलटों मिथान पीएम और विजय पाटिल ने सही समय पर खुद को इजेक्ट कर लिया और वह पैराशूट के जरिए वहीं पहाड़गढ़ में ही गिरे, लेकिन उनका सुखाई करीब 100 किलोमीटर दूर राजस्थान के भरतपुर के पास जाकर गिरा।
करीब 800 मीटर तक बिखरा मलबा
ग्रामीणों ने बताया कि एयरफोर्स के अफसरों के साथ ही कलेक्टर अंकित अस्थाना और एसपी आशुतोष बागरी भी मौके पर पहुंच गए थे। घटनास्थल पर क्रैश हुए मिराज एयरक्राफ्ट की डिबरी मिली है। उसका वेरीफिकेशन भी हो गया है। दोनों एयरक्राफ्ट मिराज और सुखोई की डिबरी यहीं पर हैं। काफी बड़े एरिया में एयरक्राफ्ट के पार्ट गिरे हैं। मलबा करीब 500 से 800 मीटर एरिया में बिखरा है।
