लोकमतसत्याग्रह/भारत लगातार अपने परमाणु हथियार और उन्हें ऑपरेट करने की टेक्नोलॉजी को एडवांस कर रहा है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की परमाणु रणनीति का फोकस चीन पर बढ़ता जा रहा है। पहले यह रणनीति पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती थी।
FAS रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम चार नए वेपन सिस्टम डेवलप किए जा रहे हैं। ये मौजूदा हथियारों को रिप्लेस करेंगे या उन्हें बेहतर बनाएंगे। इनमें परमाणु क्षमता वाले विमान, लैंड-बेस्ड डिलीवरी सिस्टम और पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली मिसाइलें शामिल हैं।
अभी भारत के पास 8 न्यूक्लियर सिस्टम
अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फिलहाल देश के पास परमाणु क्षमता से लैस 8 सिस्टम हैं। इनमें 2 एयरक्राफ्ट, 4 लैंड-बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइल और 2 सी-बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइल हैं। फिलहाल विकसित किए जा रहे 4 नए सिस्टम जल्द ही मैदान में उतरने के लिए तैयार हो जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, भारतीय बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज में है।
देश के पास 160 परमाणु हथियारों का भंडार
FAS के मुताबिक, भारत ने फिलहाल 160 परमाणु हथियारों का स्टॉक रखा हुआ है। नए मिसाइल सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए और परमाणु हथियार भी बनाने पड़ेंगे। इसके लिए देश ने 700 किलोग्राम वेपन-ग्रेड प्लूटोनियम का प्रोडक्शन किया है। इससे 138 से 213 परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं।
पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा न्यूक्लियर वेपन
इस वक्त पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार ज्यादा हैं। रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान के पास 165 हथियार हैं। वहीं चीन के पास 350, अमेरिका के पास 5,428 और रूस के पास 5,977 परमाणु हथियारों का भंडार है। यही वजह है कि भारत अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए कम कर रहा है।
भारत में वेपन-ग्रेड प्लूटोनियम को बनाने का सोर्स मुंबई में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर स्थित ध्रुव रिएक्टर है। FAS रिपोर्ट में कहा गया है कि अब प्लूटोनियम की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत कम से कम एक और रिएक्टर को विकसित करने पर विचार कर रहा है।
विशाखापटनम के पास सुपर सीक्रेट बेस
FAS के मुताबिक, भारत के लिए पाकिस्तान हमेशा प्राइमरी फोकस रहा है, हालांकि जिस रफ्तार से यह अपनी परमाणु क्षमता बढ़ा रहा है, वह चीन के लिए बनी रणनीति की ओर इशारा करता है। इसी कड़ी में विशाखापटनम से 50 किलोमीटर दूर रामबिली गांव में INS वर्षा नाम का एक सीक्रेट बेस बनाया जा रहा है। यहां एक पहाड़ में कई सुरंगें और परमाणु पनडुब्बियों के लिए सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख के 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां भारतीय सैनिकों की मौजूदगी नहीं है। यह रिपोर्ट लेह-लद्दाख के एसपी पीडी नित्या ने पिछले दिनों एक मीटिंग में पेश की थी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे। भारत ने सितंबर 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक भारत इस समझौते को लागू करने के लिए हमेशा से कमिटेड रहा है, लेकिन पाकिस्तान की मनमानियों की वजह से इस संधि पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि भारत, पाकिस्तान को नोटिस जारी करने पर मजबूर हुआ है।
