धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।।
मनुष्य को संयम से काम लेना चाहिए और अपने मन को धीरज बंधाना चाहिए। क्योंकि कुछ बातें निश्चित समय लेती हैं और उनका परिणाम कुछ भी करने से जल्दी नहीं आता, जैसे सौ घड़े पानी डालने पर भी फल अपनी ऋतु आने पर ही आते हैं।निवेश करते समय परिणाम के लिए जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए अपितु अपने उद्देश्य के हिसाब से निवेश करना चाहिए और निवेश में धीरज रखने की आवश्यकता होती है। धीरज रखने और नियमित निवेश करते रहने से फल की प्राप्ति के आसार प्रबल हो जाते हैं।
धैर्य ही कुंजी है
यह सफल निवेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। जब कोई शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा होता है तो वह एक दीर्घकालिक समय के लिए होना चाहिए। यद्यपि इक्विटी ने दीर्घकालीन निवेश में किसी भी अन्य वर्ग की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर रिटर्न दिया है, लेकिन यह अल्पावधि में उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर सकता है। जिससे पोर्टफोलियो में तात्कालिक अस्थिरता आ सकती है। इक्विटी का भरपूर फायदा उठाने के लिए धैर्य रखना बहुत आवश्यक है। एक बार में एक पौधे पर बहुत पानी डालने से आप उससे तुरंत फल की उम्मीद नहीं कर सकते। फल केवल उसके मौसम में ही आएगा और वह भी अपने समय से। उस समय तक आपको इसे नियमित रूप से खाद, पानी देना होगा। नियमित निवेश भी (एस.आई.पी.) रिटेल निवेशकों के लिए निवेश का एक अच्छा तरीका है। यह न केवल नियमित निवेश की आदत डालता है बल्कि यह निदेशकों को और अधिक अनुशासित भी बनाता है।बार-बार यह साबित हो गया है कि निवेशक लालच और भय से प्रेरित होते हैं। जल्दी धन बनाने के लिए लालच और पैसा बनाने की होड़ में पीछे छूट जाने का डर बना रहता है। एक निवेशक को यह समझने की जरूरत है कि अगर पैसा बनाना इतना आसान होता तो हर कोई करोड़पति होता। जैसा कि ओशो ने कहा है कि”पैसा बनाना एक कला है”और किसी भी कला के रूप को जानने के लिए दो चीजें जरूरी हैं धैर्य और अनुशासन। निवेशक जब किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो वे दरअसल मालिक नहीं बनना चाहते उदाहरण के लिए विशेषज्ञ आपको कहेंगे कि कंपनी एक्स बहुत आशा जनक दिखती है और उनके पास एक बहुत अच्छा भविष्य है। और एक ही सांस में 1 सप्ताह से 3 महीने तक के उच्च स्तर पर आपको एक लक्ष्य मूल्य दे देंगे। कंपनी वास्तव में अच्छी है और उसका एक महान भविष्य है तो आप उसकी सफलता की यात्रा में उसके साथ भाग लें।
ऐसी कंपनियों के प्रमोटर्स हर तिमाही पर अपने बाजार मूल्य पर गौर नहीं करते हैं, बजाय इसके वे इसे ज्यादा मजबूत करने पर काम करते हैं। बाजार निवेशकों से भी ज्यादा बुद्धिमान हैं। ऐसी कई कंपनियां हैं जो मुनाफा बनाती हैं लेकिन यह स्टॉक की कीमत से शुरू में नहीं दिखता, लेकिन अंततः बाजार अपने मूल्यों को पहचानता है और स्टॉक को इसके लायक कीमत मिलती है। लेकिन इस का आनंद लेने के लिए धैर्य रखने की आवश्यकता है।
म्यूचुअल फंड में ऐसी कई योजनाएं हैं जिनके पास विगत 20 22 वर्षों में 80, 90 या 100 गुना रिटर्न देने का पिछला जबरदस्त रिकॉर्ड है। लेकिन 2% निवेशकों ने भी उन्हीं योजनाओं मैं उतने पैसे नहीं कमाए। इसका मुख्य कारण धैर्य की कमी है। निवेश का प्रदर्शन निवेशकों के प्रदर्शन से बहुत अलग होता है।
यदि कोई वास्तव में फल काटना चाहता है तो धैर्य और अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण हैं धन बनाने के लिए यह मुख्य तत्व है।
