मोहन भागवत बोले- एक विचारधारा देश को बिगाड़ नहीं सकती:कहा- अच्छे देशों में हर तरह के विचार होते हैं

लोकमतसत्याग्रह/RSS चीफ मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि सिर्फ एक विचारधारा या फिर कोई एक शख्स देश को बना या बिगाड़ नहीं सकता। दुनिया के अच्छे देशों में हर तरह के विचार होते हैं। उनके पास भी सभी प्रकार के सिस्टम हैं, और वे सिस्टम की इस भीड़ के साथ बढ़ रहे हैं। वे नागपुर के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

दरअसल, RSS चीफ मोहन भागवत मंगलवार को राजरत्न पुरस्कार समिति की ओर से आयोजित पुरस्कार समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नागपुर के पूर्व शाही घराने-भोंसले परिवार के बारे में बात की। मोहन भागवत बोले, यह परिवार संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के समय आरएसएस से जुड़ा था।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना की और दक्षिण भारत को अत्याचारों से मुक्त कराया। वहीं, नागपुर भोंसले परिवार के शासन में पूर्व और उत्तर भारत शोषण से मुक्त हुआ था। राजा का अर्थ होता है, सबका सेवक न कि शासक। अब जमाना प्रजातंत्र का इसलिए अब राजा नहीं रहे हैं।

जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई: मोहन भागवत
इससे पहले मोहन भागवत ने मुंबई में संत रोहिदास जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है, जाति पंडितों ने बनाई जो गलत है। भगवान के लिए हम सभी एक हैं। हमारे समाज को बांटकर पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने इसका फायदा उठाया।

भागवत ने कहा कि हमारे समाज को बांटकर लोगों ने हमेशा से फायदा उठाया है। सालों पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने हमें बांटकर फायदा उठाया। नहीं तो हमारी ओर नजर उठाकर देखने की भी किसी में हिम्मत नहीं थी। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं। जब समाज में अपनापन खत्म होता है तो स्वार्थ अपने आप बड़ा हो जाता है।

शिवाजी ने औरंगजेब से कहा था हम सब ईश्वर की संतानें हैं
उन्होंने कहा कि काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को पत्र लिखा था। शिवाजी ने कहा कि हिन्दू हो या मुस्लिम, हम सभी हम ईश्वर की संतान हैं। आपके राज में एक के ऊपर अत्याचार हो रहा है, वह गलत है। सब का सम्मान करना आपका कर्तव्य है, अगर यह नहीं रुका तो तलवार से इसका जवाब दूंगा।

समाज और धर्म को द्वेष के नजर से मत देखो। गुनी बनो और धर्म का पालन करो। समाज में बेरोजगारी बढ़ रही है क्योंकि लोग काम में भी बड़ा-छोटा देखते हैं। जबकि संत रोहिदास कहते थे कि लगातार कोशिश करते रहो, एक दिन समाज जरूर बदलेगा। आज भारत को दुनिया में सम्मान से देखा जाता है।

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