स्वदेशी रमन स्पेक्ट्रो मीटर:चंद मिनटों में होगी दवाओं और फॉरेंसिक सैंपल्स की जांच, देश के तीन बड़े संस्थानों ने शुरू किया इस्तेमाल

लोकमतसत्याग्रह/अब दवाओं, फारेंसिक सैंपल, ब्लड कपड़े और अन्य मटेरियल आदि की जांच चंद मिनटों में हो सकेगी। राजधानी के सीएसआईआर एम्प्री (एडवांस मटेरियल एंड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने देश का पहला स्वदेशी रमन फारेंसिक स्पेक्ट्रोमीटर तैयार किया है।

देश के तीन बड़े संस्थानों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी कोलकाता, आईसर पुणे और मैनिट भोपाल ने यह स्पेक्ट्रोमीटर ले भी लिया है। ये ऐसे संस्थान है जो रिसर्च में एक्यूरेसी का पूरा ध्यान रखते हैं। रमन स्पेक्ट्रोमीटर की खास बात यह है कि यह भारतीय जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। इससे किसी वस्तु की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच हो सकेगी।

शत-प्रतिशत एक्यूरेसी देता है -अब तक स्पेक्ट्रोमीटर यूएस, यूके, जापान आदि देशों से खरीदे जाते थे। इनमें किसी तरह की प्रॉब्लम आती है तो इसके इंजीनियर्स मुश्किल से मिल पाते हैं। लेकिन, अब स्वदेशी स्पेक्ट्रोमीटर के तैयार हो जाने इसमें नई एप्लीकेशन भी जोड़ी जा सकती हैं। यह प्रोजेक्ट 2016 में शुरू हुआ था। इसके रिजल्ट शत-प्रतिशत एक्यूरेसी देते हैं। यहां तक कि गोला-बारूद में भी किन मटेरियल को शामिल किया गया है, इसकी जांच भी हो सकेगी।

ऐसा होता है उपयोग नहीं किया होगा

इसे तैयार करने वाली टीम में शामिल डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि यह स्पेक्ट्रोमीटर महान वैज्ञानिक सीवी रमन के स्क्रेटिंग ऑफ लाइट पर आधारित है। कोई भी माॅलिक्यूल लाइट से कलर बनाते हैं। इससे पता चलता है कि संबंधित मटेरियल में कौन-कौन से तत्व मिले हैं। एम्प्री की इस स्वदेशी मशीन को देश के आईआईटी सहित कई बड़े संस्थानों की वैज्ञानिकों की कमेटी ने अप्रूव किया। इंटरनेशनल जर्नल में भी इसे बेंच मार्क के रूप में शामिल किया गया।

इसे तैयार करने वाली टीम में शामिल डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि यह स्पेक्ट्रोमीटर महान वैज्ञानिक सीवी रमन के स्क्रेटिंग ऑफ लाइट पर आधारित है। कोई भी माॅलिक्यूल लाइट से कलर बनाते हैं। इससे पता चलता है कि संबंधित मटेरियल में कौन-कौन से तत्व मिले हैं। एम्प्री की इस स्वदेशी मशीन को देश के आईआईटी सहित कई बड़े संस्थानों की वैज्ञानिकों की कमेटी ने अप्रूव किया। इंटरनेशनल जर्नल में भी इसे बेंच मार्क के रूप में शामिल किया गया।

तीन करोड़ तक कीमत

एम्पी के स्पेक्ट्रोमीटर की कीमत 70 लाख से 3 करोड़ रुपए तक है। इसके दो मॉडल हैं सीटीआर 150 और सीटीआर 300। शिक्षण संस्थानों में छात्रों के लिए सीटीआर 150 उपयोगी है, जबकि जहां बड़े रिसर्च वर्क होते हैं वहां सीटीआर 300 लिया जाता है।

पीपीपी मोड पर तैयार किया है

देश के 3 बड़े संस्थानों ने रमन स्पेक्ट्रोमीटर लिए हैं। यह सटीक रिजल्ट देता है। इसे पीपीपी मोड पर तैयार किया है। इसमे मटेरियल के स्ट्रक्चर, उसमें शामिल माॅलिक्यूल के परिणाम तुरंत सामने आते है।

डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, डायरेक्टर, सीएसआईआरएम्प्री

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s