पीथमपुर के बाद ग्वालियर में भी हो सकेगा हैजारडस व ई-वेस्ट का डिस्पोजल; मोहना इंडस्ट्रियल एरिया में 14.7 हेक्टेयर में तैयार होगा प्लांट

लोकमतसत्याग्रह/मप्र में पीथमपुर के बाद अब ग्वालियर में भी हैजारडस (खतरनाक अपशिष्ठ) और ई वेस्ट के निस्तारण (डिस्पोजल) के लिए संयुक्त उपचार सुविधा (ट्रीटमेंट, स्टोरेज व डिस्पोजल फैसिलिटीज) स्थापित की जाएगी। घाटीगांव तहसील स्थित मोहना इंडस्ट्रियल एरिया में मप्र इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से एक निजी संस्था इस सुविधा को स्थापित करने जा रही है।

इसके लिए मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व कलेक्टर ग्वालियर द्वारा प्रारंभिक मंजूरी हेतु लोक सुनवाई भी कर ली गई है। उपचार सुविधा कुल 14.7 हेक्टेयर में तैयार होगी, जिसमें 41 फीसदी क्षेत्रफल ग्रीन बेल्ट एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 77 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

प्लांट में रहेंगी ये 3 तरह की सुविधा

1 सिक्योर्ड लैंडफिल फैसिलिटी- उद्योगों से 38 प्रकार के हैजारडस वेस्ट (जैसे ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाली स्लज, सोलवेंट, ऑयल, ग्रीस इत्यादि) निकलते हैं। इनका निस्तारण कर लैंडफिल साइट पर समायोजन कर दिया जाएगा। ध्यान यह रखा जाएगा कि वेस्ट को जमीन में गाढ़ने से पानी व अन्य तत्व प्रदूषित नहीं हो।

2 इंसीनरेटर- उद्योगों से निकलने वाले हैजारडस वेस्ट जिनकी कैलोरिफिक वैल्यू 2500 किलो कैलोरी से ज्यादा है। उन्हें लैंडफिल फैसिलिटी में निस्तारित ना करते हुए डबल चैम्बर इंसीनरेटर में डाला जाएगा। इससे निकलने वाले वेस्ट को सुरक्षित तरीके से निस्तारित किया जाएगा।

3 को- प्रोसेसिंग ऑफ हैजारडस वेस्ट- हैजारडस वेस्ट को निस्तारित करने के बाद को- प्रोसेसिंग की जाएगी। इसके बाद वेस्ट को सीमेंट प्लांट में उपयोग में लाया जा सकेगा। वर्तमान में कटनी, नीमच, धार स्थित सीमेंट कंपनियों को इसी तर्ज पर वेस्ट की सप्लाई की जा रही है।

ग्वालियर अंचल को क्या लाभ होगा

1उद्योगों को मिलेगी राहत- वर्तमान में ग्वालियर-चंबल अंचल में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। इस कारण हैजारडस वेस्ट के निस्तारण के लिए उद्योगपतियों को इसे 400 से 800 किलोमीटर दूर भेजना पड़ता है। इसमें काफी राशि खर्च होती है। 2 यूपी, कर्नाटका नहीं जाएगा ई- वेस्ट- वर्तमान में ग्वालियर-चंबल अंचल से निकल रहे ई-वेस्ट को रीसाइकिल और डिस्पोजल के लिए यूपी, कर्नाटका यहां तक की वेस्ट बंगाल तक भेजा जा रहा है। प्लांट के शुरू होते ही ये समस्या खत्म हो जाएगी। ई- वेस्ट रीसाइकिल और डिस्पोजल के लिए इस प्लांट में आ सकेगा।

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