लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर की कैंसर हिल्स पर एक दिन पहले स्कूली बच्चों से भरी बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी। बस में सवार चार बच्चे घायल हुए थे, जबकि बस के पलटने से उसकी चपेट में पास से गुजर रही एक नर्सिंग छात्रा भी आई थी। नर्सिंग छात्रा आठ महीने की गर्भवती भी थी। गर्भ में पल रहा बच्चा तो एक दिन पहले ही खत्म हो गया था। बुधवार सुबह नर्सिंग छात्रा ने भी दम तोड़ दिया है।
हादसे में चंद कदमों की दूरी पर चल रहे नर्सिंग छात्रा की पांच साल की बेटी व पति किस्मत से बच गए। सोमवार को मृतका का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजन के सुपुर्द कर दिया है। मृतका मथुरा से अपने पति के साथ पेपर देने ग्वालियर आई थी। उसे नहीं पता था अनहोनी परीक्षा के बहाने उसे मौत तक खींचकर ला रही है। बस के दस्तावेज देखे तो खुलासा हुआ कि वह 34 सीटर थी, लेकिन उसमें 36 स्कूली छात्र सवार थे। स्टाफ अलग से सवार था।
ऐसे समझिए पूरा मामला
कैंसर पहाड़ी पर मंगलवार को बच्चों से भरी पल्स वैली स्कूल की बस पलट गई थी। इससे उसमें सवार चार बच्चे घायल हुए थे। इसके साथ ही वहां से गुजर रही मथुरा की रहने वाली नेहा शर्मा भी बस की चपेट में आ गई। वह अपने पति और पांच साल की बेटी के साथ नर्सिंग की परीक्षा देने आई थी। चार स्कूली बच्चों के साथ गर्भवती नर्सिंग छात्रा नेहा शर्मा (25) गंभीर रूप से घायल हुई थी। हादसे के बाद से ही उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। देर शाम हादसे में घायल हुए उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी। इस हादसे में स्कूली बच्चों में जिनिशा चोपड़ा (7), तानव चोपड़ा निवासी सराफा बाजार, दिव्या निवासी दौलतगंज और राघव गर्ग (11) निवासी निंबालकर की गोठ घायल हुए हैं। इन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया था। हादसे का शिकार हुई बस पर्ल्स वैली स्कूली की बताई गई है।
ऐसा हुआ हादसा, कांच तोड़कर बचाई बच्चों की जान
जानकारी के मुताबिक स्कूली बच्चों से भरी बस जब मांढरे की माता वाली पहाड़ी से उतर रही थी तभी वहां सामने एक तरफ से ट्रैक्टर आ गया और दूसरी तरफ नर्सिंग की परीक्षा देकर आ रही युवतियां थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बस चालक ने युवतियों को बचाने की कोशिश में स्टेयरिंग दूसरी तरफ काटी तो बस वहां पड़े मिट्टी के टीले पर चढ़कर अनियंत्रित होकर पलट गई। बस के पलटते ही वहां चीख पुकार मच गई। हादसे के बाद बस चालक महेश माहौर मौके से भाग गया। हालांकि देर रात उसे पकड़ लिया गया है। वहां से गुजर रहे लोगों और मौके पर पहुंची पुलिस ने कांच तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला और सुरक्षित किया है। एएसपी मोती उर रहमान ने बताया कि हादसे के बाद पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से बस में सवार बच्चों और उनके अभिभावकों के नाम की सूची मांगी तो प्रबंधन ने 36 बच्चों के नामों की सूची उपलब्ध कराई है। जबकि बस की क्षमता 34 सीट की है। ऐसे में पुलिस ने बस नंबर एमपी09 एफए-7721 के चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दहशत के वो 15 मिनट
मैं ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर बैठा था। एक दम से बस लहराई और हमारी ही तरफ पलट गई। बस पलटते ही चीख-पुकार मच गई। दूसरी तरफ के बच्चे भी हमारी तरफ आ गए थे। मैं भी बुरी तरह सहम गया था। तभी किसी ने पीछे की तरफ का कांच तोड़कर हम सभी को बाहर निकालना शुरू किया। मेरे हाथ में चोट आई है। डॉक्टर अंकल ने कहा है मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा।
–जैसा घायल हुए कक्षा 6वीं के छात्र राघव गर्ग ने बताया
पत्नी आगे थी, मैं और बेटी पीछे, पल भर में उजड़ गई दुनिया
मैं सोमवार को ही मथुरा से पत्नी नेहा (25) को नर्सिंग की परीक्षा दिलाने ग्वालियर लेकर आया था। परीक्षा खत्म होने के बाद पत्नी नेहा और पांच साल की बेटी को लेकर कैंसर पहाड़ी से नीचे उतर रहा था। अचानक बस का संतुलन बिगड़ा और पलट गई। इससे नेहा बस की चपेट में आ गई। उसे 8 माह का गर्भ था। सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि कुछ समझ नहीं पाए। मैं और मेरी बेटी कुछ आगे चल रहे थे, इसलिए बस की चपेट में आने से बच गए। नेहा के गर्भ में पल रहे आठ माह के बच्चे की शाम को अस्पताल में मौत हो गई, जबकि बुधवार सुबह नेहा भी जिंदगी की जंग हार गई। (जैसा नेहा के पति मानवेंद्र ने बताया)
