लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर व्यापार मेले में वाहनों की अच्छी बिक्री से दो साल पहले का रिकॉर्ड टूट गया है। जबकि तीन साल के दौरान सबसे अधिक मेले में चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई है। खास बात ये है कि यानी काेरोना से पहले की तुलना करें तो दो पहिया की तुलना में चार पहिया वाहन खरीदने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2020-21 में मेले में कुल वाहन 16,823 तो इस साल अब तक 18,818 वाहन बिक चुके हैं।
दो साल पहले मेले में 7452 चार पहिया, 8622 दो पहिया व 749 हल्के कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री हुई है। इन वाहनों की बिक्री से परिवहन विभाग को लगभग 43.83 करोड़ रुपए टैक्स के तौर पर मिला था। जबकि इस साल अब तक 18,818 वाहन बिक चुके हैं। इनमें 8730 चार पहिया जबकि 9880 दो पहिया व 208 अन्य हल्के कॉमर्शियल वाहन शामिल हैं।
वाहनों की बिक्री से राजस्व प्राप्ति के 3 साल के रिकॉर्ड टूट चुके हैं
मेले में वाहनों की बिक्री से राजस्व प्राप्ति के मामले में रिकॉर्ड टूट चुका है। तीन साल पहले मेले में कुल 23,583 वाहन बिके थे। इनमें सबसे अधिक दो पहिया वाहन 13,876 शामिल थे। जबकि अब तक मेले में 18,818 वाहन बिके हैं। इस तरह वाहन संख्या के मामले में तीन साल पुराने रिकॉर्ड नहीं टूटे। लेकिन राजस्व प्राप्ति के मामले में तीन साल पुराने रिकॉर्ड टूट चुके हैं।
तीन साल मेले में 46.89 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर परिवहन विभाग को मिले थे। जबकि इस साल अब तक लगभग 54 करोड़ रुपए टैक्स के तौर पर मिल चुके हैं। इसका कारण इस बार महंगे वाहन ज्यादा बिके हैं। मेले में 50 लाख रुपए से लेकर 3.75 करोड़ रुपए तक के अब तक 80 से अधिक वाहन बिके हैं। इससे रोड टैक्स के तौर पर राजस्व परिवहन विभाग को अधिक मिला।
वाहन अधिक बिकने के ये हैं कारण
मेले में वाहन अधिक बिकने के कारण रोड टैक्स में 50 फीसदी टैक्स में छूट मिलना है। मेले में छूट का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग छह माह से वाहन नहीं खरीद रहे थे। साथ ही मेला अवधि भी इस बार बढ़ा दी गई। इसके साथ ही सहालग चल रहा है। लोग अपने बच्चों को शादी के दौरान गिफ्ट के तौर पर कार भेंट कर रहे हैं। इससे वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है।
पहले की तुलना में अधिक बिके वाहन
“मेले में इस साल दो साल पहले की तुलना में अधिक वाहन बिके हैं। साथ ही इस बार महंगी कार खरीदने वालों की संख्या बढ़ी है। तीन साल पहले की तुलना में इस साल कार अधिक बिकी हैं।“
–एचके सिंह, आरटीओ
