लोकमतसत्याग्रह/मार्च शुरू होने में 5 दिन बाकी हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के हर हिस्से में तापमान सामान्य से 4 डिग्री तक ज्यादा हो चुका है। बीते 8 दिन से यही हाल है और ये ट्रेंड बता रहा है कि इस साल गर्मी सबसे लंबी होगी। इस बार की गर्मी मप्र में रहे सबसे गर्म सालों में भी शामिल हो जाएगी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईसर) ने भी इस बार के ट्रेंड पर स्टडी की है, जो बताती है कि मौसम ला नीना से अल नीनो की तरफ जा रहा है। इस कारण मार्च से जून तक तापमान सामान्य से ज्यादा ही बने रहने के आसार हैं।
2011 से 2020 का दशक भी गरम रहा था। इस दशक में 2018 और 2020 सबसे गर्म रहे थे। 2018 में जनवरी-अक्टूबर के लिए वैश्विक औसत सतह का तापमान पूर्व-औद्योगिक बेसलाइन (1850-1900) से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक था। साल 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म साल रहा। हालांकि 2016 की सबसे अधिक गर्मी की तुलना में यह कम गर्म रहा था। गुजरे हुए दो दशक 2001-2010 और 2011-2020 भी सबसे गर्म दशक दर्ज किए गए। 2004 से 2017 तक के बीच 2010 में दिन का सबसे ज्यादा औसत तापमान 40.2 डिग्री रहा था। पिछले 11 साल में अप्रैल में 2019 में अप्रैल में आखिरी दिन सबसे ज्यादा तापमान 43.7 डिग्री रहा था।
5 वजह– क्यों इस बार बदलेगा गर्मी का पिछला ट्रेंड
- भोपाल में मार्च में दिन का औसत तापमान 32 से 36 डिग्री के बीच रहता है, लेकिन इस बार यह 1 से 2 डिग्री तक ज्यादा रहेगा।
- मार्च के पहले पखवाड़े में दिन का तापमान 36 और 38 डिग्री ऊपर पहुंच सकता है, जो अमूमन 33-34 डिग्री रहता है।
- अप्रैल में दिन का औसत तापमान 35 से 41 डिग्री के बीच रहता है। इस बार इसके दिनों की संख्या बढ़ सकती है।
- मई में दिन का औसत तापमान 38 से 42-43 डिग्री के आसपास रहता है, इसमें थोड़ी स्थिरता रहेगी।
- मई के पहले पखवाड़े में तापमान 39 से 42 और दूसरे पखवाड़े में 40 से 44 डिग्री तक पहुंचने की संभावना।
मार्च से मई तक लू चलने के दिनों की संख्या में लगभग 13 प्रतिशत इजाफा हो सकता है।
भोपाल में फिर 33 डिग्री पार
भोपाल में एक दिन की राहत के बाद पारा फिर 33 डिग्री पर पहुंच गया। गुरुवार को दिन का तापमान 33.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री ज्यादा रहा। बुधवार के मुकाबले इसमें करीब 1 डिग्री का इजाफा हुआ। सिर्फ 5 जिलों नर्मदापुरम, बैतूल, ग्वालियर, उज्जैन और इंदौर में ही 33 डिग्री से कम रिकॉर्ड हुआ।
