लोकमतसत्याग्रह/शेयर बाजार गिरने के बावजूद बीते माह इक्विटी म्यूचुअल फंड में 9 महीनों का सबसे ज्यादा निवेश हुआ। फरवरी में इक्विटी फंड में 15,685.6 करोड़ रुपए आए। ये जनवरी के मुकाबले करीब 25% ज्यादा है।
बीते साल मई में इक्विटी फंड में 18,529 करोड़ आए थे। ‘एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया’ के मुताबिक, फरवरी में लगातार तीसरे महीने इक्विटी फंड में निवेश बढ़ा।
24 महीनों से इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश का ट्रेंड
नवंबर 2022 में इक्विटी फंड में सिर्फ 2,258 करोड़ रुपए आए थे। दिलचस्प है कि बीते माह सेंसेक्स में 1.25% और निफ्टी में 1.77% गिरावट आई। इस महीने भी बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। बीते दो दिन में सेंसेक्स 1,213 अंक गिर चुका है। इसके बावजूद 24 महीनों से इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश का ट्रेंड है।
लिक्विड फंड से लगातार तीसरे महीने निकासी, इसमें कंपनियां करती हैं निवेश
डेट कैटेगरी में लिक्विड फंड से लगातार तीसरे महीने निकासी हुई। इसका इस्तेमाल कंपनियां आम तौर पर छोटी अवधि की नकदी रखने के लिए करते हैं। चूंकि मार्च वित्त वर्ष का आखिरी महीना होता है, लिहाजा जनवरी-मार्च के बीच अमूमन लिक्विड फंड से निकासी बढ़ जाती है।
इसमें आम निवेशक भी पैसा लगाते हैं। जब कोई टारगेट पूरा हो जाता है तो अन्य फंड से पैसा निकालकर लिक्विड फंड में डाला जाता है। ये सेविंग अकाउंट जैसा है, पर रिटर्न कुछ ज्यादा मिलता है।
ETF में मुनाफा वसूली, पर इंडेक्स फंड में निवेश बढ़कर 6,244 करोड़ तक पहुंचा
फरवरी में एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में सिर्फ 29 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ। दूसरी तरफ इंडेक्स फंड में 6,244 करोड़ रुपए आए। दरअसल ETF में 14,801 करोड़ रुपए के निवेश के साथ-साथ 14,772 करोड़ की निकासी भी हुई।
दूसरी तरफ इंडेक्स फंड में 9,476 करोड़ के निवेश के मुकाबले सिर्फ 3,232 करोड़ की निकासी हुई। विशेषज्ञों के मुताबिक, बीते महीने वैसे निवेशकों ने ETF मुनाफा वसूली की जिन्हें अच्छा-खासा रिटर्न मिल रहा था।
SIP अकाउंट बढ़े, पर निवेश में मामूली कमी
फरवरी में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) अकाउंट बढ़कर 6.28 करोड़ हो गए। जनवरी में ये आंकड़ा 6.21 करोड़ था। इस दौरान 20.65 लाख नए एसआईपी अकाउंट खुले। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने फरवरी में एसआईपी के जरिये 13,686.23 करोड़ रुपए जुटाए।
ये रकम जनवरी के मुकाबले 169.90 करोड़ रुपए कम है। एम्फी के सीईओ एनएस वेंकटेश ने कहा, ‘ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि फरवरी में सिर्फ 28 दिन होते हैं। आम तौर पर महीने के आखिरी तीन दिन में एसआईपी में निवेश किया जाता है। मार्च में आपको ये आंकड़े बढ़े हुए दिखेंगे।’
