सीएम शिवराज बोले- हमने जनता के सुझाव लेकर बजट में आम लोगों को जोड़ा

लोकमतसत्याग्रह/भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आर्थिक सर्वेक्षण और 2023-24 बजट पर परिचर्चा और जनसंवाद का आयोजन किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान की तरफ से आोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। सीएम ने कहा कि अक्सर बजट बड़ा रूखा-सूखा विषय होता है। जनता समझती है कि हमारा इससे क्या लेना-देना, यह तो विशेषज्ञों का काम है।  हमारा प्रयास है कि बजट बनाने में भी जनता की सहभागिता होनी चाहिए।  इसलिए इस वर्ष का बजट बनाने के लिए जनता से सुझाव लिए गए। 4,000 से ज्यादा सुझाव जनता के बीच से आए और हमने ज्यादातर सुझावों को क्रियान्वित किया है। सरकार ने इस वर्ष 3.14 लाख करोड़ का बजट पेश किया।


 
आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी हुई
सीएम ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि अगर सार्थक प्रयास किये जाएं, तो चुनौतियों को कामयाबी में बदला जा सकता है। हमारी आर्थिक विकास दर में 2021- 22 में 18 गुना वृद्धि हुई है। यह 2001-02 में केवल 3-4 प्रतिशत थी। 2002-03 में सकल घरेलू उत्पाद 71 करोड़ के आसपास था। 2022-23 में हमारा सकल घरेलू उत्पाद 13,22,821 करोड़ रुपये है। पर कैपिटा इनकम यानी प्रति व्यक्ति आय 2002-03 में 11 हजार रुपये थी जो 2022-23 में बढ़कर यह 1,40,583 रुपये हो गई है। मैं अभी संतुष्ट नहीं हूं, हमें और आगे जाना है। कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, व्यापार, सामाजिक-आर्थिक विकास, कौशल विकास, सुशासन, विज्ञान प्रोद्योगिकी जैसे अनेक विषय हैं, जिनमें प्रदेश ने अच्छा प्रदर्शन किया है।


 
हम देश के टॉप 5 प्रदेश में
मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टी का बिना नाम लिए कहा कि कई बार आरोप लगाया जाता है कि कर्ज ले लिया, लेकिन ऋण लेने के कुछ मापदंड होते हैं, कुछ आधार होते हैं। 2005 में जीएसडीपी का अनुपात 39.5 प्रतिशत था, लेकिन 2020-21 में यह घट गया। कोविड के कठिन समय में भी हमारा पूंजीगत व्यय 45,685 करोड़ था। जीएसटी में इस साल 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, हम देश के टॉप 5 प्रदेश में हैं। किसानों को ऋण में 30.1 प्रतिशत और एमएसएमई को ऋण में 30.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2001-02 तक कृषि विकास दर केवल 3 प्रतिशत थी, अब बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई है।
 
भोपाल में केबल चार चलाएंगे
अपने संबोधन में कहा कि बड़े शहरों में सड़कों पर यातायात के बोझा को कम करने के लिए हमारी कोशिश है कि रोप वे और केबल कार का उपयोग करें। मैं चाहता हूं कि भोपाल में बड़े तालाब के एक सिरे से केबल कार चले और एयरपोर्ट पर उतार दे। मैंने उज्जैन में रोपवे का काम शुरू कर दिया है। उज्जैन रेलवे स्टेशन पर उतरकर रोपवे से श्रद्धालु सीधे महाकाल मंदिर परिसर तक पहुंच जाएंगे। प्रदेश की जनता जनता को बजट समझाने के लिए ग्राम सभाएं की जाएं। गांव-गांव में बैठकें करके जनता को बजट समझाया जाए।

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