लोकमातसत्याग्रह/शहर में वित्तीय वर्ष 2022-23 में अभी तक नगर निगम को होर्डिंग से रिकार्ड चार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछले कई वर्षों से राजस्व का आंकड़ा लाखों तक ही सीमित था। वर्ष 2015-16 और 2019-20 के दौरान ही राजस्व प्राप्ति का आंकड़ा डेढ़ करोड़ रुपये से ऊपर पहुंचा था। वर्तमान में जो चार करोड़ का राजस्व निगम को प्राप्त हुआ है, उसमें 60 लाख रुपये की राशि उन लोगों से वसूल की गई है, जिन्होंने बिना निगम की अनुमति के शहर में अवैध रूप से विज्ञापन लगा रखे थे। ऐसे 200 से अधिक लोगों को नगर निगम की विज्ञापन शाखा ने नोटिस जारी कर जुर्माना जमा करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, निगम में वर्षों से यूनिपोल और होर्डिंग के टेंडर नहीं हुए थे। इसके अलावा निचले अमले की मिलीभगत से नपाई में गड़बड़ी कर निगम को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा था। स्थिति यह थी कि निगम को शहरभर में लगे होर्डिंग से सिर्फ 16 लाख रुपये का ही राजस्व प्राप्त होता था। इस वर्ष निगम की विज्ञापन शाखा ने सभी यूनिपोल के 10 वर्षों के टेंडर करने के साथ ही होर्डिंग के टेंडर भी किए। इससे पहले तक निगम के अमले की ही मिलीभगत के चलते टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती थी और पूर्व की एजेंसियां विज्ञापन लगाकर कमाई करती रहती थीं। टेंडर प्रक्रिया हो जाने के कारण निगम को राजस्व मिला। इसके अलावा मध्यप्रदेश आउटडोर मीडिया नियम 2017 के अंतर्गत अवैध विज्ञापनों पर की गई जुर्माने की कार्रवाई से भी निगम को अच्छा-खासा राजस्व हासिल हुआ है।
नपाई की तो 50 लाख रुपये मिले नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने इस बार शहर के सभी होर्डिंग और यूनिपोल की नपाई कराकर उसका रिकार्ड से भी मिलान कराया। इस पर पर्दाफाश हुआ कि एजेंसियों द्वारा कम नाप दर्शाकर नगर निगम को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा था। नपाई कराकर जब एजेंसियों को नोटिस दिए गए तो निगम को 50 लाख रुपये का राजस्व मिला। गेंट्री से साल के 23 लाख और फुटओवर ब्रिजों से भी निगम को राजस्व प्राप्त होने लगा।
ऐसे रही पिछले कुछ वर्षों में कमाई
वित्तीय वर्ष राजस्व
2015-16 1,94,09,762
2016-17 16,00,000
2017-18 16,00,000
2018-19 91,32,336
2019-20 1,82,40,716
2020-21 79,96,170
2021-22 1, 23,00,000
2022-23 4,00,00,000
