एशिया की पहली महिला लोको पायलट के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि, वंदे भारत एक्सप्रेस का किया संचालन

लोकमातसत्याग्रह/एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने सोमवार को वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई इसी के साथ उनके नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई। सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को संचालित करने वाली पहली महिला बन गई हैं। मध्य रेलवे ने जानकारी दी कि लोको पायलट सुरेखा यादव ने मुंबई में सोलापुर स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के बीच सेमी-हाई स्पीड ट्रेन चलाई।

रेल मंत्री ने दी बधाई
मध्य रेलवे की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ट्रेन 13 मार्च को सही समय पर सोलापुर स्टेशन से रवाना हुई और निर्धारित आगमन से पांच मिनट पहले सीएसएमटी पहुंची। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया कि वंदे भारत – नारी शक्ति द्वारा संचालित। वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट श्रीमती सुरेखा यादव। मध्य रेलवे ने कहा कि यादव ने वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट बनकर मध्य रेलवे को एक और उपलब्धि दिलाई। 



सेंट्रल रेलवे ने सीएसएमटी-सोलापुर और सीएसएमटी-साईनगर शिरडी रूट पर दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की हैं, जिन्हें 10 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। वहीं पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र के सतारा की रहने वाली यादव 1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं। उन्होंने अपनी उपलब्धियों के लिए अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं। 


सुरेखा यादव का जीवन परिचय
एशिया की पहली महिला रेल पायलट सुरेखा यादव का जन्म महाराष्ट्र में 2 सितंबर 1965 को हुआ था। उन्होंने राज्य के सतारा में स्थित सेंट पॉल कॉन्वेंट हाई स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिए सुरेखा ने वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स किया और बाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया।


सुरेखा की रेलवे में नौकरी
टेक्निकल बैकग्राउंड और ट्रेनों को लेकर सुरेखा को बचपन से लगाव था। उन्होंने पायलट के लिए फॉर्म भर दिया। साल 1986 में उनकी लिखित परीक्षा हुई, जिस में पास होने के बाद इंटरव्यू भी क्लियर कर लिया। बाद में सुरेखा कल्याण ट्रेनिंग स्कूल में सहायक चालक के तौर पर नियुक्त हुईं। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 1989 में सुरेखा यादव नियमित सहायक ड्राइवर के पद पर प्रमोट हो गईं।

सुरेखा यादव का करियर
सुरेखा ने सबसे पहले मालगाड़ी के ड्राइवर के तौर पर करियर की शुरुआत की। धीरे धीरे उनकी ड्राइविंग स्किल्स बेहतर होती गई। साल 2000 में मोटर महिला के पद पर उनका प्रमोशन हुआ। उसके बाद साल 2011 में सुरेखा एक्सप्रेस मेल की पायलट बनीं। इसी के साथ महिला दिवस के मौके पर सुरेखा यादव को एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर होने का खिताब हासिल हुआ।

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