लोकमातसत्याग्रह/केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली 51 करोड़ रुपये की ग्रांट बचाने के लिए नगर निगम का अमला संपत्तिकर और जलकर की वसूली में जुटा हुआ है। वित्त आयोग से मिलने वाले अनुदान के लिए निगम को पिछले वित्तीय वर्ष से 10 प्रतिशत अधिक राशि वसूल करनी होगी, लेकिन अभी तक निगम का अमला दोनों करों के राजस्व में साढ़े चार करोड़ रुपये पिछड़ा हुआ है। निचले अमले पर वसूली का इतना दबाव है कि वो बड़े बकायादारों से वसूली करने पहुंच रहे हैं और वहां से कम से कम एक हजार रुपए लेकर उठ रहे हैं। इसके अलावा पिछले दो दिनों से भैसों को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
नगर निगम को हर साल 15वें वित्त आयोग से पानी और सीवर कार्यों के लिए 51 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलती है। इन पैसों को शहर विकास के लिए भी खर्च किया जा सकता है। सालभर वसूली के मामले में सुस्त नगर निगम के अधिकारियों की आंखें अब जाकर मार्च माह में खुलीं, जब पता चला कि वे काफी पिछड़े हुए हैं। इसके चलते अब राजस्व वसूली अभियान में तेजी लाई गई है। निचले अमले को साफ कह दिया गया है कि किसी को भी नहीं छोड़ा जाए। जिस भी उपभोक्ता के घर पर वसूली के लिए जाएं, वहां से कुछ न कुछ राशि अवश्य मिलनी चाहिए। अब वित्तीय वर्ष की समाप्ति में सिर्फ सात दिन शेष बचे हैं और नगर निगम के अमले को 15वें वित्त आयोग की ग्रांट बचाने के लिए लगभग 12 करोड़ रुपए से अधिक वसूल करने हैं। हालांकि निगम अधिकारियों का दावा है कि समय रहते वे पिछले वित्तीय वर्ष से 10 प्रतिशत अधिक वसूली कर लेंगे।
महलगांव में हर घर से वसूले एक–एक हजार रुपए
पिछले दिनों पीएचइ के अमले ने महलगांव में जलकर के कई बकायादारों के घरों पर वसूली के लिए दस्तक दी। यहां लोग इकट्ठे होकर पानी की समस्या के बारे में बात करने लगे। लोगों का कहना था कि गर्मी के दिनों में इलाके में पानी की किल्लत रहती है। इस पर वसूली के लिए पहुंचे अमले ने हजारों के बकायादारों को भी कम से कम एक हजार रुपए जमा करने के लिए कहा। इसके बाद लोगों से एक-एक हजार रुपए वसूल कर उन्हें रसीद दे दी गईं।
डेयरी संचालकों की जब्त कर रहे भैंसें
जलकर की वसूली के लिए पीएचइ के अमले के साफ्ट टारगेट पर शहर की दूध डेयरियां हैं। अधिकतर दूध डेयरियों पर लाखों रुपए का जलकर बकाया है। ऐसे में जलकर की राशि न मिलने पर पीएचइ का अमला भैंसे जब्त करने की कार्रवाई कर रहा है। गत बुधवार को भी पीएचइ के अमले ने दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में दो डेयरियों से भैंसें जब्त की थीं। इस पर डेयरी संचालकों ने राशि जमा कर दी है। वहीं गुरुवार को वार्ड 35 के डलिया वाला मोहल्ला स्थित डेयरी संचालक बालकृष्ण पाल पर जलकर की बकाया 1.29 लाख रुपए की राशि जमा न करने पर भैंस को जब्त कर गौशाला भिजवा दिया गया।
ये है अभी वसूली की स्थिति
नगर निगम का संपत्तिकर अमला गुरुवार तक कुल 78.59 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल पाया है। इसमें 54 लाख रुपए की वसूली की गई थी। पिछले वित्तीय वर्ष में निगम ने 81 करोड़ रुपये का संपत्तिकर वसूला था। ऐसे में अभी भी 2.41 करोड़ रुपए पिछले साल की बराबरी के लिए वसूल करने हैं। इसके बाद 10 प्रतिशत अधिक यानी 8.10 करोड़ रुपए और वसूलने होंगे। तभी 15वें वित्त से ग्रांट मिल पाएगी। वहीं नगर निगम का पीएचइ अमला अभी तक 19.50 करोड़ रुपये की वसूली कर पाया है। इसमें गुरुवार को 33.71 लाख रुपये वसूल किए गए हैं। वहीं कुछ चेक अभी कैश होने बाकी हैं। जलकर के माध्यम से प्राप्त राजस्व पिछले साल 22 करोड़ था। ऐसे में पीएचइ अमले को बराबरी करने के लिए ढाई करोड़ रुपए वसूलने होंगे। इसके बाद 10 प्रतिशत अधिक के लिए 2.20 करोड़ रुपये और वसूलने होंगे।
ग्रांट के लिए तय लक्ष्य पा लेंगे
हमने वसूली का आंकड़ा बढ़ाने के लिए बड़े बकायादारों पर फोकस किया है। इसके अलावा अमले को निर्देश दिए गए हैं कि किसी को भी वसूली में बख्शा नहीं जाए। गार्बेज शुल्क माफी की मांग के चलते संपत्तिकर की वसूली में दिक्कत आई है, लेकिन फिर भी हम ग्रांट के लिए तय लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।
किशोर कान्याल, आयुक्त नगर निगम
