लाइसेंस की गलतियां विभाग ही सुधारेगा, नेशनल परमिट जारी करने बदलेगा तरीका

लोकमातसत्याग्रह/परिवहन विभाग के प्रभारी प्रमुख सचिव सुखबीर व परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने विभाग के अधिकारी व राष्ट्रीय सूचना केंद्र के अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में एनआइसी के अधिकारियों से पूछा गया कि माल वाहक के परमिट आनलाइन जारी होने में क्यों दिक्कत आ रही है। इसको लेकर बताया गया कि स्मार्ट चिप ने जनवरी के बाद का डे़टा नहीं दिया है। इस वजह से दिक्कत आ रही है। परमिट जारी करने के लिए अप टू का उपयोग किया जा रहा था, उसकी जगह टू शब्द का प्रयोग करें। परमिट जारी हो सकेंगे। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण में जो गलत डेटा आ रहा है, उसमें सुधार की जिम्मेदारी विभाग की होगी। वाहन-4 व सारथी-4 पर आ रही छोटी-छोटी परेशानियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार से नए तरीके से परमिट जारी किए जाएंगे।

ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन से संबंधित सेवाएं अब राष्ट्रीय सेवा केंद्र के पोर्टल के माध्यम से दी जानी है। स्मार्ट चिप कंपनी से डेटा एनआइसी के पोर्टल पर पोर्ट हुआ है। सबसे बड़ी समस्या माल वाहक वाहनों को जारी होने वाले परमिट में आ रही थी। पिछले एक महीने से परमिट जारी नहीं हुए, जिसके चलते ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियां खड़ी हो गई थी। ट्रांसपोर्टरों ने जो माल बुक कर लिए थे, उन्हें रद करना पड़ रहा था। आरटीओ के पास अपनी समस्याएं लेकर पहुंच रहे थे। व्यापारी व ट्रांसपोर्टर दोनों को ही नुकसान हो रहा था। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रमुख सचिव ने एनआइसी के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई थी। बैठक में समस्या बताई गई। नेशनल परमिट जारी करते वक्त सर्वर में अप टू शब्द का उपयोग किया जा रहा था, जिससे डेटा मैच नहीं खा रहा था और परमिट जारी नहीं हो पा रहा था। अब टू (फरवरी से) का उपयोग करने पर परमिट मिल जाएगा। इस छूट के बाद शनिवार से स्थिति देखी जाएगी। बैठक सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक भोपाल में चली।

लाइसेंस में यह रही दिक्कत

– स्मार्ट चिप कंपनी से लाइसेंस का जो डेटा पोर्ट हुआ है, उसमें काफी गलतियां है। इन गलतियों के चलते लाइसेंस रिन्यू नहीं हो पा रहे हैं। लोग आरटीओ के पास समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। इस समस्या को भी बैठक में उठाया गया। ग्वालियर के आरटीओ ने कहा कि एक ऐसा लाइसेंस आया, जिसमें नाम, पिता नाम अलग-अलग थे। यदि उस लाइसेंस में कोई गड़बड़ी हुई तो किसकी जिम्मेदारी होगी।

 बैठक में तय किया गया कि लाइसेंस में कोई दिक्कत है, तो उसमें विभाग सुधार करेगा।

– वाहनों की फिटनेस भी नहीं हो रही है। एक महीने से यह बंद है। फिटनेस नहीं होने से वाहन दूसरे राज्यों में नहीं जा पा रहे हैं। इसका भी मुद्दा उठाया गया। इसमें भी सुधार करने के लिए निर्देश दिए। – डीलर पाइंट पर नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। अभी तक बीमा का डेटा आफलाइन लिया जा रहा था, लेकिन अब बीमा सूचना केंद्र से आनलाइन डेटा लेने पर विचार किए जाने के लिए कहा है। क्यों

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