लोकमातसत्याग्रह/ग्वालियर में एक किसान को ऑनलाइन भैंस खरीदना जरा महंगा पड़ गया। फेसबुक पर अशोक शर्मा डेयरी फार्म जयपुर से भैंस खरीदने के लिए किसान ने बात की। 60 हजार रुपए में 14 लीटर दूध देने वाली भैंस मिलने पर किसान काफी खुश था। उसे लगा इतना अच्छा सौदा कहीं नहीं मिलेगा। उसने डील डन कर दी। इसके बाद जयपुर से भैंस भेजने का भाड़ा उससे ONLINE पेमेंट कराया गया। अगले दिन भैंस ग्वालियर आनी थी, लेकिन डेयरी फार्म वाले ने फोन कर बताया कि GPS ट्रैक नहीं हो रहा है। 12 हजार रुपए मांगे। किसान ने वह भी उनके दिए नंबर पर ऑनलाइन भेज दिए।
डेयरी फार्म वाले ने कई बहाने बनाकर 87 हजार रुपए अपने खाते में डलवा लिए। अगले दिन भैंस तो नहीं आई, लेकिन ट्रक चालक का फोन आया कि मुरैना टोल पर भैंस सड़क दुर्घटना में घायल हो गई है। इसके बाद किसान को ठगी का अहसास हुआ। किसान ने रुपए वापस मांगे तो ठग ने बाय-बाय कह दिया। पीड़ित ने पत्नी के गहने बेचकर रुपयों का इंतजाम किया था। अब मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच के साइबर सेल में की है।
ग्वालियर के उटीला गांव की टांकोली पंचायत के निढ़ावली गांव निवासी होतम सिंह बघेल पुत्र मोहन सिंह पेशे से किसान है। काफी दिनों से वह एक भैंस खरीदने की सोच रहे थे। 24 मार्च की दोपहर होतम अपने मोबाइल पर फेसबुक चला रहा था। इसी समय उसने शर्मा डेयरी फार्म के नाम से एक जयपुर की संस्था का एड देखा। जब उस पर क्लिक किया तो उसमें कई रील अपलोड की हुई थीं, जिसमें भैंसों के बारे में बताया गया था।
किसान को फेसबुक पेज पसंद आया। यहां 60 हजार रुपए में लाल बंडा किस्म की एक भैंस पसंद आई। यह भैंस को किसान खरीदना चाहता था, क्योंकि गर्मी का सीजन शुरू होने पर ऐसी भैंस जो दिन में 14 लीटर दूध देती है मिलना नामुमकिन था। किसान ने तत्काल फेसबुक प्रोफाइल पर लिखे नंबर 9101965398 पर कॉल किया। कॉल अटेंड करने वाले ने खुद को शर्मा डेयरी फार्म जयपुर का ओनर अशोक कुमार शर्मा बताया। किसान ने जिस भैंस के बारे में बात की, उसे अशोक ने 60 हजार रुपए में देने के लिए डील की।
किसान को विश्वास दिलाने के लिए अपने पेन कार्ड, आधार कार्ड की डिटेल वॉटसएप पर भेजी। इसके बाद एक अकाउंट नंबर दिया जिसमें भैंस को जयपुर से ग्वालियर पहुंचाने का भाड़ा 4200 रुपए ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा। किसान को ऑनलाइन पेमेंट करना नहीं आता था। वह पास के ही गांव टिहोली पहुंचा और यहां MP ONLINE से यह भुगतान 24 मार्च की शाम को कराया।
GPS ट्रैकर, लेट फीस के नाम पर ऐंठे रुपए
25 मार्च को किसान भैंस आने का इंतजार कर रहा था। अशोक शर्मा का कॉल आया और उसने बताया कि जिस गाड़ी में भैंस निकली है, उसका GPS ट्रैक नहीं हो रहा है। भैंस खरीदी में यह जरूरी प्रक्रिया है। इसके लिए 12500 रुपए ऑनलाइन पेमेंट करने होंगे। किसान फिर टिहोली गांव पहुंचा और यहां MP ONLINE से 13 हजार रुपए ट्रांसफर किए। किसान को GPS ट्रैकर की समझ नहीं थी। वह इतना अनजान था कि उसे समझ नहीं आया कि GPS का भैंस के आने से क्या लेना देना। वह ठगों के जाल में फंस गया था।
किसान ने पेमेंट दोपहर 12 बजे के बाद तक किया था। इस पर उसे फिर कॉल आया कि पेमेंट देर से होने पर लेट फीस लगेगी, लेकिन यह बाद में वापस हो जाएगी। इस पर 25 हजार रुपए और जमा कराने को कहा। किसान ने पत्नी की सोने की चूड़ियां गिरवी रखकर पैसे उधार लिए और 25 हजार का भुगतान भी कर दिया।
अब 45 हजार रुपए मुरैना टोल पर मांगे
25 मार्च की शाम किसान को फिर कॉल आया। इस बार शर्मा डेयरी के संचालक से नहीं बल्कि ट्रक चालक का कॉल आया। उसने कहा कि मुरैना टोल पर भैंस को रोक लिया गया है। यहां उसकी डिलीवरी की पूरी डिटेल और पेमेंट डिटेल मांग रहे हैं। यह पेमेंट करना होगा, तभी यहां के अधिकारी भैंस को आगे बढ़ने देंगे। यह सुनकर किसान परेशान हो गया। उसने कहा कि वह भैंस मिलते ही पूरा बकाया दे देगा, लेकिन ट्रक चालक नहीं माना। उसने किसान से 45 हजार रुपए का भुगतान ऑनलाइन करने के लिए कहा।
ट्रक चालक ने कहा कि 27 मार्च की सुबह उनकी भैंस उनके दरवाजे पर पहुंच जाएगी। उसके बाद 60 हजार के ऊपर जो भी भुगतान होगा वह वापस कर दिया जाएगा। किसान ने फिर पत्नी के गहने गिरवी रखकर तत्काल पैसा उठाया और एमपी ऑनलाइन पहुंचकर पेमेंट कराया। यहां पेमेंट होने के बाद एमपी ऑनलाइन वाले ने किसान को चेताया कि आप बार-बार पैसा डाल रहे हो, मुझे लग रहा है आप किसी ठग के जाल में फंस रहे हो। उस समय किसान को भी लगा कि कुछ गड़बड़ हो गई है।
चालक बोला– भैंस का एक्सीडेंट में पैर टूट गया है
27 मार्च की सुबह जब भैंस की डिलीवरी नहीं हुई तो किसान ने ट्रक चालक को कॉल किया। चालक ने बताया कि मुरैना टोल पर ट्रक का एक्सीडेंट हो गया है। भैंस घायल हो गई है। उसका पैर टूट गया है। किसान ने कहा कि वो इलाज करा लेगा, टूटे पैर की भैंस ही ले आओ। इस बार चालक ने फिर कुछ रुपए ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा। इस पर किसान समझ गया कि वह ठगों के जाल में फंस गया है। उसने कहा कि मुरैना टोल पर ही रुके, वह वहीं आ रहा है। इसके बाद ट्रक चालक ने मोबाइल बंद कर लिया। किसान शिकायत करने उटीला थाना पहुंचा। यहां से उसे शहर में क्राइम ब्रांच थाना जाने के लिए कहा। मंगलवार को किसान ने क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचकर शिकायत की।
किसान बोला– भैंस के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया
किसान होतम सिंह ने कहा कि मैंने इस भैंस को खरीदने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। पत्नी घर पर नहीं थी तो मैंने उसके गहने भी गिरवी रख दिए। वो घर पर होती तो शायद मुझे रोक लेती, लेकिन मेरी किस्मत ही खराब थी। सिर्फ एक बीघा जमीन है। बच्चों ने तीन दिन से खाना तक नहीं खाया है।
ऑनलाइन विज्ञापन पर विश्वास न करें
एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया का कहना है कि ऑनलाइन भैंस खरीद के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर एक्सपर्ट की टीम मामले की जांच कर रही है। साथ ही लोगों से निवेदन है कि सोशल मीडिया पर इस तरह से आए विज्ञापन पर विश्वास न करें और डील न करें।
