लोकमातसत्याग्रह/अग्निवीर योजना का हम रिव्यू करेंगे। फिलहाल अलग से सेना में स्थायी भर्ती की कोई योजना नहीं है। 25% अग्निवीर ही बाद में स्थायी सैनिक बनेंगे। यह कहना है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का, जो तीनों सेनाओं की कम्बाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस के लिए भोपाल पहुंचे हैं। राजनाथ ने शुक्रवार को भास्कर से बातचीत में स्पष्ट किया कि फिलहाल सेना में सभी गैरअफसरी वाले पद अग्निवीरों के जरिए ही भरे जाएंगे।
स्वदेशी हथियार– 25 देशों में 26 हजार करोड़ का निर्यात कर रहे हैं
कम्बाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस के लिए भोपाल के चयन की कोई खास वजह?
इसको राजनीति से जोड़ना पूरी तरह गलत होगा। मेरे रक्षामंत्री रहते हुए यह कॉन्फ्रेंस दूसरी बार दिल्ली से बाहर हो रही है। भोपाल हमारा बड़ा आर्मी सेंटर है।
कॉन्फ्रेंस में तीनों सेनाओं के जॉइंट कमांड स्ट्रक्चर को लेकर कोई फैसला होगा?
जो भी फैसला होगा वह सभी से विचार-विमर्श के बाद ही होगा। अभी इस पर ज्यादा कुछ कहना उचित नहीं होगा।
हथियारों का स्वदेशीकरण किस स्टेज में है?
एक जमाना था कि हम हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे। आज हम टैंक, हथियार, गोला-बारूद सब यहीं बना रहे हैं। 25 देशों में 26 हजार करोड़ के सैन्य उपकरणों का निर्यात कर रहे हैं। म्यांमार, श्रीलंका और मॉरिशस उन प्रमुख देशों में हैं, जो भारत से हथियार खरीदते हैं। गौरतलब है कि म्यांमार के कुल हथियारों के आयात का 17% हिस्सा भारत से भेजा जाता है।
चीन लगातार हमारी सीमा पर हमलावर है, हमारी क्या तैयारी है?
हमारी नीति अभी वसुधैव कुटुम्बकम की है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जो अपनी साख कायम की है, उससे अब हमे कोई भी कम करके नहीं आंक सकता। चीन का रुख भी भारत के प्रति बदला है।
जम्मू–कश्मीर से राष्ट्रीय राइफल्स को हटाने की खबरें कितनी सही हैं?
कश्मीर से राष्ट्रीय राइफल्स को हटाकर वहां सीआरपीएफ की तैनाती की खबरें सही नहीं हैं। फिलहाल वहां मोर्चे पर राष्ट्रीय राइफल्स ही रहेगी।
ब्रिटिश राज के प्रतीक चिह्न बदलने पर विचार
कॉन्फ्रेंस में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थल सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख भोपाल पहुंच चुके हैं। मोदी शनिवार को आएंगे। अग्निवीर पर भी कॉन्फ्रेंस में चर्चा हो सकती है। तीनों सेनाओं में ब्रिटिश राज से चले आ रहे प्रतीक चिह्नों को बदलने पर भी विचार संभावित है।
