लोकमतसत्याग्रह/मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में हाईटेक लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इस लाइब्रेरी में 70 हजार किताबों का संग्रह है, जिसमें पांच हजार विदेशी ला जर्नल भी शामिल हैं। इसमें ग्वालियर गजेटियर भी देख सकते हैं, साथ ही कानून से जुड़ी वह दुर्भल किताबें भी हैं, जो बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। न्यायालयीन समय के दौरान इस लाइब्रेरी में न्यायमूर्ति व अधिवक्ता अलग-अलग जगह बैठकर किताबें पढ़ सकते हैं।
कानून की किताबें पढ़ने के लिए अधिवक्ता लाइब्रेरी में पहुंचने भी लगे हैं, जिसमें शहर के युवा अधिवक्ताओं की संख्या अधिक है। फिलहाल लाइब्रेरी में रखी किताबों को स्कैन कर साफ्ट कापी करने का काम चल रहा है। भविष्य में इन्हें आनलाइन किया जाएगा, ताकि अधिवक्ता इन किताबों को आनलाइन भी पढ़ सकते हैं।
लाइब्रेरी में ये भी मौजूद
– 26 ला जर्नल हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी शामिल हैं।
– लाइब्रेरी में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सहित केरला, अलाहबाद, कोलकाता एवं मुंबई हाई कोर्ट के फैसलों के जर्नल भी रखे गए हैं।
विदेशों के कानून से जुड़ी किताबें व रिपोर्ट
– किंग बैंच डिवीजन
– क्वीन बैंच
– कनाडा ला रिपोर्ट
– आल इंग्लैंड ला रिपोर्ट
– ये विदेशों के कानून से जुड़ी रिपोर्ट हैं। पांच हजार किताबें मौजूद हैं।
सन् 1880 से मौजूद हैं जर्नल
आजादी के पहले न्यायालयों में हुए फैसले के जर्नल भी इस लाइब्रेरी में मौजूद हैं। वर्ष 1880 से अब तक जो फैसले आए, उनके जर्नल भी उपलब्ध हैं, यह जर्लन मार्केट में नहीं मिलते हैं।
ग्वालियर रियासत की एक हजार किताबें
– हाई कोर्ट की लाइब्रेरी में ग्वालियर रियासत से जुड़े मामलों की एक हजार किताबें भी हैं। इसमें रखे ग्वालियर गजेटियर में अंचल के बार में भी जान सकते हैं। ब्रिटिश काल, मध्यकाल की किताबें भी उपलब्ध हैं।
लाइब्रेरी का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। आठ हजार किताबों को स्कैन किया जा चुका है, यह कार्य जारी है। किताबें स्कैन होने के बाद लाइब्रेरी डिजिटल हो जाएगी और अधिवक्ता कहीं से भी किताबों को पढ़ सकते हैं।
