लोकमतसत्याग्रह/मुरैना में चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगे गए हितग्राहियों ने कलेक्ट्रेट पर गेट पर बैठकर मांग की। लगभग एक सैकड़ा लोग कलेक्ट्रेट के गेट पर बैठकर इस बात पर अड़े थे कि जिन चिटफंड कंपनियों ने उनका रुपया हड़पा है, उसे जिला प्रशासन वापस कराए तथा उसके लिए उनसे आवेदन तथा कागजात जमा करे। यह मांग इसलिए की गई थी कि कलेक्टर ने उनके कागजात जमा कराने के लिए इंकार कर दिया था।
बता दें, कि वर्ष 2012 से लेकर 2015 तक दर्जन भर से अधिक चिटफंड कंपनियों ने लोगों को झांसे में लेकर उनसे रुपया जमा कराया था। यह वह लोग थे जो कि िनम्न आर्य वर्ग से लेकर मध्यम आय वर्ग के हैं। इन लोगों ने ऐजेंटों के झासों में आकर अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई चिटफंड कंपनियों में जमा करा दी तथा उसके बाद चिटफंड कंपनियां उनके खून-पसीने की कमाई लेकर फुर्र हो गईं।
ठगी करने वाले कंपनियों में यह शामिल
जिन चिटफंड कंपनियों ने मुरैना वासियों के साथ ठगी की है उनमें PACL इंडिया लमिटेड, GCA मार्केटिंग लिमिटेड, प्रिज्म सोसायटी, परिवार डेयरी, SUN इंडिया, स्काईलार्क, KMJ, किम इन्वेस्टमेंट, साईं प्रसाद तथा PASR मुख्य रुप से शामिल हैं।
इस प्रकार चला चिटफंड का कारोबार
चिटफंड कंपनियों ने RBI से अनुमति लिए बगैर लोगों से पैसा जमा करवाना शुरु कर दिया। इसके लिए उन्होंने ऐजेंट बनाए तथा उन्हें 30 से 50 प्रतिशत तक कमीशन का ऑफर दिया। मोटे कमीशन के लालच में आकर लोगों ने सबसे पहले अपने खास रिश्तेदारों से रुपये जमा कराए। उसके बाद व्यवहारी तथा दूर के रिश्तेदारों को निशाना बनाया। इस खेल में शामिल कमीशनखोर ऐजेंटो को तो मोटा कमीशन मिल गया लेकिन उन लोगों के पैसे चले गए जिन्होंने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई इन कंपनियों के झासें में आकर जमा की थी। इस प्रकार यह चिटफंड कंपनियों हजारों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर डकार चुकी हैं।
रुपये वापसी की उम्मीद में चक्कर लगा रहे लोग
चिटफंड कंपनियों से लुटे लोग अब अपनी रकम वापसी के लिए जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। इसी क्रम में ये लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे थे जिससे उनके आवेदन के साथ कागजात जमा करवा लिए जाएं जिससे उनके रुपयों की वापसी हो सके।