पुलिस के मानवीय व्यवहार ने लोगों का छुआ दिल, दिव्यांग को पुलिस ने अपने हाथ से पानी पिलाया, जूते पहनाए

लोकमतसत्याग्रह/ग्वालियर में पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। जनसुनवाई में पहुंची मूक-बधिर दिव्यांग महिला को पुलिस वालों ने न केवल सीढ़ियों से ऊपर लेकर गए और पानी पिलाया, बल्कि अपने हाथों से उसे जूते भी पहनाए। यह देखकर वहां मौजूद सबकी निगाहें उसी पर लग गईं। वहीं समाज का एक और चेहरा दिखा, जिसमें उस गरीब दिव्यांग को लोन दिलाने के नाम पर किसी ने 15 हजार रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली थी। वह इसी की शिकायत करने एसपी ऑफिस पहुंची थी। अधिकारियों ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।



दरअसल, मंगलवार को एसपी ऑफिस में जनसुनवाई थी। यहां एक दिव्यांग महिला अपनी फरियाद लेकर पहुंची थी। मिथलेश नामक यह महिला गर्मी से परेशान थी और शारीरिक रूप से दिव्यांग। वह न तो बोल पा रही थी और न किसी की बात सुन पा रही थी। उसे परेशान होता देख वहां मौजूद पुलिस के युवा आरक्षकों का दिल पसीज गया। इनमें से एक युवा आरक्षक दौड़कर उस महिला के पास पहुंचा। उससे परेशानी पूछी, लेकिन वहां पहुंचने पर आरक्षक को पता चला कि वह सिर्फ शारीरिक रूप से ही दिव्यांग नहीं है। बल्कि मूक-बधिर भी है। यह जानकर आरक्षक ने उसे अपने हाथ से पानी पिलाया, जूते पहनाए और अपने हाथों और कंधों का सहारा देते हुए जनसुनवाई हाल तक लेकर गए। इसके बाद उसे नीचे लाकर भी छोड़ा। यह दृश्य देखकर सबकी निगाहें आरक्षक की एक्टिविटीज पर ही लगी रहीं और सभी ने उसके मानवीय काम की सराहना भी की।



दिव्यांग ने शिकायत में लिखा
दिव्यांग महिला अपने साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर पहुंची थी। महिला ने शिकायत में लिखा है कि उसका नाम मिथलेश कुशवाह है। वह पूरी तरह से विकलांग है और दो बार सेरेबल पाल्सी के अटैक का शिकार हो चुकी है। इसी दौरान राजकुमार नामक व्यक्ति उसे मिला, उसने अपने को बजाज फाइनेंस कंपनी का कारिंदा बताया और उसे बिजनेस के लिए लोन दिलाने की बात कही। वह उसके झांसे में आ गई। उसने दस लाख रुपये का लोन दिलाने की बात कही और उसने थोड़े-थोड़े करके उससे फोन-पे पर साढ़े तीन हजार रुपये ठग लिए। यह पंजीयन आदि के नाम पर ली।

महिला की शिकायत के अनुसार, राजकुमार ने बताया कि उसके खाते में दस लाख आ गए हैं। जबकि आए ही नहीं थे। जब उससे फिर संपर्क किया तो उसने हेल्थ बीमा जरूरी बताते हुए उसके लिए 12,500 रुपये देने को कहा। दिव्यांग मोटे ब्याज पर उधार लेकर दे दी। लेकिन जब उसने असमर्थता दिखाई, इसके बाद जीएसटी के लिए 18 हजार मांगे, फिर वह समझ गई कि ठगी का शिकार हो गई है। इसके बाद महिला कई बार पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई भी पैसे वापिस नहीं करवा पाया। कंट्रोल रूम प्रभारी विजय सिंह भदौरिया ने कहा कि दिव्यांग महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिला के साथ पुलिसकर्मियों ने कंट्रोल रूम में पूरी मदद की।

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