लोकमतसत्याग्रह/शहर में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोरोना के खतरे को देखकर भी गंभीर नहीं है। हर दिन के साथ कोरोना संक्रमित बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को शहर में 8 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से पांच जीआरएमसी की लैब और तीन निजी लैब में कोरेना केस सामने आए हैं।
शुक्रवार को संक्रमित आने वालों में दो महल के कर्मचारी भी हैं। दो दिन पहले केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुपुत्र महाआर्यमन सिंधिया भी पॉजिटिव आए थे। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि नवंबर 2022 में जिला अस्पताल में आई RTPCR मशीन अब तक चालू नहीं हो सकी है। जो संक्रमित मिले हैं उनको होम आइसोलेट किया जा रहा है।
इन पांच स्थानों पर हो रही जांच
शहर के जयारोग्य अस्पताल में संचालित होने वाली कोल्ड OPD को बंद कर दिया गया है। अब माइक्रोबायोलाजी लैब में ही कोविड की जांच होती है। इसलिए यहां पर जांच कराने के लिए हर कोई नहीं पहुंच पाता है। इधर जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, डबरा सिविल अस्पताल, भितरवार में जांच की जा रही है, लेकिन यहां पर भी सैंपल की संख्या गिनी चुनी रहती है, जबकि कोरोना के खतरे को देखते हुए जांच की संख्या बढ़ानी चाहिए।
संपर्क हिस्ट्री निकाले में कमजोर
जो मरीज संक्रमित मिल रहे हैं उनकी संपर्क हिस्ट्री तैयार की जा रही है, लेकिन यह भी दिखावा मात्र है, क्योंकि सैंपल उन्हीं लोगों के लेना है जिन्हें कोविड के लक्षण होंगे या फिर बुजुर्ग के संपर्क में मरीज आया हो, जबकि कोरोना संक्रमित मरीज को जरूरी नहीं कि लक्षण आएं पर वह संक्रमण को फैला सकता है। ऐसे में मरीज के संपर्क में आने वाला व्यक्ति संक्रमित हुआ और उसे लक्षण नहीं हैं तो वह संक्रमण फैला सकता है।
मरीज को न दवा, न निगरानी
कोरोना के गंभीर मरीज को ही अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। जिन्हें मामूली लक्षण हैं उन्हें घर पर आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है, जब कोविड पीक पर था तब होम आइसोलेशन वाले बाजार में घूमते हुए पकड़े गए थे अभी तो लोगों को कोरोना को लेकर भय ही नहीं रहा है। कोविड मरीज घर पर है या फिर बाहर घूमकर कोरोना फैला रहा है, इसकी भी स्वास्थ्य विभाग निगरानी नहीं रख रहा है। वहीं आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को दवाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।
