लोकमतसत्याग्रह/ठंड जा चुकी है और मौसम में गर्मी की शुरूआत हाे चुकी है।मौसम की गर्मी के बीच महंगाई की आंच से रसोई तपने वाली है। क्योंकि दाल,चावल और तेल के दाम बढ़ चुके हैं,धनिया,मिर्ची और जीरा के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। हालांकि आटा के दाम टूटे हैं जिससे लोगों को थोड़ी राहत है।महंगाई की मार पहले से ही झेल रहे आमजन को आसमानी आपदा से खराब हुई फसल की मार भी झेलनी पड़ेगी। क्योंकि दाल,चावल सहित अन्य फसलों को इस बार काफी नुकसान हुआ है। जिससे आने वाले समय में महंगाई और बढ़ने का अंदेशा है।
रसोई के सामान के थोक व खेरिज की दर
नाम थोक खेरिज
सरसों तेल 115 120
रिफाइंड 110 115
अरहर दाल 80से125 85से130
चने की दाल 65से70 70से 75
मूंग की दाल 95से100 100से105
सादा चावल 27 30से35
काली मूंछ चावल 38 40से45
वासमती चावल 90से110 100से110
शक्कर 40 42
धनियां 80से110 100से120
मिर्ची 270से300 300से350
हल्दी 90से100 100से110
जीरा 460 500
10से 15 फीसद बढ़े दाम
एक महीने में 10 से 15 फीसद की महंगाई आई है। दाल,चावल से लेकर धनियां,मिर्ची और जीरा पर भी महंगाई का असर पड़ा है।तेल के दाम पर तकरीबन 10 फीसद का इजाफा हुआ है, जबकि जीरा पर 100 रुपये प्रतिकिलो का उछाल आया है। इसी तरह से मिर्ची के दाम 50 रुपये प्रति किलो बढ़ गए हैं। दाल,चावल पर भी 10 से 15 फीसद दाम बढ़े हैं। इसी तरह से शक्कर पर भी दो रुपये प्रतिकिलो की तेजी आई है।
दाम बढ़ने के पीछे तर्क
थोक व्यापारी विमल गर्ग का कहना है कि सरसों व रिफाइंड के तेल के दाम में तेजी आई है। चार माह पहले सरसों का तेल डेढ़ सौ रुपये किलो था लेकिन पिछले माह सरसों के तेल के दाम 106 रुपये किलो तक आ गया था जो अब फिर से बढ़ने लगा है। क्योंकि मंडी में सरसों की फसल आ चुकी है जिसका दाम प्रति क्विंटल 5300 रुपये तक पहुंच चुका है। फसल के दाम बढ़ने के साथ ही सरसों के दाम में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है।
इनका कहना है
इस बार जीरा के भाव में 100 रुपये प्रति किलो व मिर्ची में 50 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है। इसके अलावा दाल,चावल, तेल में 10 से 15 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि आटा के दाम कम हुए हैं।
मनोज गोयल, किराना कारोबारी दाल बाजार
