लोकमतसत्याग्रह/महाराजपुरा स्थित एयरफोर्स स्टेशन में एक नीलगाय को पकड़ने के लिए एक लाख का लगभग खर्च आएगा। यह खर्च कौन वहन करेगा,इसको लेकर मंथन किया जा रहा है। वहीं एयरफोर्स की अधिकतर जो जमीन है वह फारेस्ट के नाम रिकार्ड में दर्ज है, इसे एयरफोर्स के नाम चढ़ना है। इसके साथ ही एयरफोर्स स्टेशन के आसपास अवैध माइनिंग का काम भी किया जा रहा है जिससे खतरा उत्पन्न हो सकता है। दतिया में रतनगढ़ माता मंदिर का पुल टूटने के बाद जिस रास्ते से लोगों आवागमन है वह एयरफोर्स की जमीन है, इसी कारण इसे जल्द सुलझाया जाएगा। एयरफोर्स अधिकारियों ने ग्वालियर की सीमा से लगी मुरैना जिले में आने वाली पहाड़ी को एयरफोर्स को आवंटित किए जाने की मांग है। मंगलवार को एयरफोर्स के ऐसे कई मसलों पर जिला प्रशासन,नगर निगम व फारेस्ट विभाग के साथ अधिकारियों की चर्चा हुई।
एसपी आफिस में आयोजित इस बैठक में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, एसपी राजेश सिंह चंदेल,प्रभारी डीएफओ सहित एयरफोर्स के सीनियर अधिकारी मौजूद रहे। समन्वय की इस बैठक में एयरफोर्स के पूर्व बिंदुओं पर चर्चा की गई और वर्तमान स्थिति पर बात हुई।
अमृत का नाला एयरफोर्स बाउंड्री से बाहर निकलेगा
बैठक में एयरफोर्स अधिकारियों ने बताया कि अमृत योजना के तहत नगर निगम का जो नाला तैयार होना है,वह एयरफोर्स स्टेशन की सीमा से बाहर ही निकाला जाए। इस पर अफसरों ने सहमति दी और बताया कि पहले से ही बाहर से निकाले जाने का प्लान है। यहां एयरफोर्स अधिकारियों ने बताया कि नाले के कारण गंदगी होगी और मवेशी सहित पक्षी व्यवधान पैदा कर सकते हैं।
टिकरी गांव की पहाड़ी की मांग की
एयरफोर्स अधिकारियों ने स्टेशन के पीछे जो मुरैना की सीमा है,वहां स्थित टिकरी गांव की पहाड़ी को एयरफोर्स को दिए जाने की मांग की। इसपर अफसरों ने प्रक्रिया बताई। इसको लेकर मुरैना जिले से समन्वय किया जाएगा। इसके अलावा एयरफोर्स के अधिकारियों ने केंद्रीय विद्यालय के आसपास कुछ लोगों द्वारा शोर करने की समस्या बताई। इसपर प्रशासन व पुलिस कार्रवाई करेंगें।
नीलगाय: एक्सपर्ट करेंगें प्रबंधन
एयरफोर्स परिसर में डेढ़ सौ से अधिक नीलगाय है इसको लेकर पहले से चर्चा की जा रही है कि नीलगाय से कैसे मुक्ति पाई जाए। नीलगायों को मारने को लेकर भी चर्चा हुई थी लेकिन प्रदेश में इसकी अनुमति नहीं है। अब इंदौर के एक्सपर्ट द्वारा विशेष तकनीक से नीलगायों को पकड़कर बाहर लाया जाएगा। इसमें एक नीलगाय को पकड़ने का एक लाख खर्च बताया जा रहा है लेकिन यह खर्च कहां से आएगा,इसपर अधिकारी चर्चा कर रहे हैं।
