लोकमतसत्याग्रह/एलिवेटेड रोड के निर्माण में बाधक बन रहे लक्ष्मीबाई की समाधि के पास स्वर्ण रेखा के किनारे सरकारी जमीन पर बसे 20 परिवारों को मकान खाली करने के लिए गुरुवार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। निगम अमले ने कहा कि शुक्रवार की सुबह वे निर्माण कार्य तोड़ने आएंगे, इसके पहले सामान खाली कर लें। इसके साथ ही क्षेत्र में भय और भागदौड़ का माहौल बन गया। यहां रह रहे गरीब परिवारों ने आस-पास के क्षेत्र में किराए के मकान तलाशने शुरू किए। इसके साथ ही अधिकांश लोगाें ने घरों से सामान निकालकर बाहर खुले में रख लिया।
दोपहर में सभी परिवारों के सदस्य एकजुट होकर क्षेत्रीय विधायक व ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंचे और यहां मौजूद स्टाफ से अपनी परेशानी बताई। इस पर स्टाफ ने उनकी बात सुनकर उन्हें रवाना कर दिया। क्षेत्रीय निवासी सुशीला वाल्मीकि, तुलसा देवी जाटव, बेबी जाटव, रजनी जाटव, ममता वाल्मीकि, नारायणी बाई धाकड़, सुनीता वाल्मीकि आदि का कहना था कि हमारे घर तोड़ने के पहले हम लोगों को रहने का एक ठिकाना भी देना चाहिए। गरीब मजदूर परिवारों के पास तो किराया देने तक के पैसे नहीं हैं। ऐसे में भरी गर्मी में हम कहां जाएंगे। 20 साल से यहां रह रहीं सुनीता वाल्मीकि ने बताया कि उनका पति और एक लड़का मर चुका है। दूसरे लड़के की बहू गर्भवती है। ऐसे में उसे लेकर रातोंरात कहां जाएंगे।
