लोकमतसत्याग्रह/मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की सख्ती भी काम न आई। शुक्रवार को भी जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों की ओपीडी में डाक्टर समय पर नहीं पहुंचे। जिस सार्थक एप पर उपस्थिति लगवाने के लिए मंत्री नाराज हुए वही ठप पड़ा हुआ है। जिले में 20 प्रतिशत कर्मचारी ही बायोमेट्रिक मशीन पर उपस्थिति लगा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में उपस्थिति अब भी आफलाइन है। अस्पताल में डाक्टर समय पर पहुंचे इसके लिए तैयार किए गए सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए डाक्टर व कर्मचारी कोई तैयार नहीं है। शासन पिछले छह महीने में सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज कराने में नाकाम रही और कार्रवाई भी न कर सकी। ओपीडी में मिले दो डाक्टर शुक्रवार की सुबह सवा नौ बजे सिविल सर्जन डा. आरके शर्मा जिला अस्पताल की ओपीडी पहुंचे। वहां पर डा. डीके शर्मा व अनिल शर्मा मौजूद मिले। बाकी के डाक्टर ओपीडी में पहुंचे ही नहीं थे। जिसको लेकर सिविल सर्जन ने अनुपस्थित मिले सभी डाक्टरों की एक दिन की वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। यह हालात केवल एक जिला अस्पताल के नहीं बल्की जिले के सभी अस्पतालों के है जहां पर डाक्टर ओपीड में समय पर नहीं पहुंचते हैं।
572 कर्मचारियों की आइडी बनकर तैयार
जिला अस्तपाल में कर्मचारियों द्वारा लगाई जा रही बायोमेट्रिक उपस्थिति की जानकारी जब आनलाइन सिविल सर्जन ने निकाली तो चौंकाने वाली स्थिति थी। क्योंकि कर्मचारियों से डाक्टर देरी से अस्पताल पहुंच रहे हैं। कई डाक्टर तो सुबह 10 बजे पहुंचे, इसमें कर्मचारी भी पीछे नहीं है। सिविल सर्जन का कहना है कि जबकि सभी को समय पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। सार्थक एप के लिए सभी 572 कर्मचारियों का आइडी भी तैयार कराई जा चुकी है। इसके बाद भी सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जा रही है।
जिला अस्पताल व बिरला नगर प्रसूतिगृह के कुछ डाक्टर तो सार्थक और बायोमेट्रिक मशीन दोंनो पर उपस्थिति दे रहे हैं। लेकिन कर्मचारी उपस्थिति नहीं लगा रहे हैं। जिसकी जानकारी शासन स्तर को भेज दी गई। लेकिन वहां से कार्रवाई संबंधी कोई निर्देश नहीं मिले। शुक्रवार को जो डाक्टर ओपीडी में अनुपस्थित थे उनकी एक दिन की वेतन काटी जाएगी।
डा. आरके शर्मा, सिविल सर्जन अस्पताल
