लोकमतसत्याग्रह/जयारोग्य अस्पताल का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भले ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन चिकित्सकों के अभाव में मरीजों को उक्त अस्पताल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी के चलते अब गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन ने पिछले कई महिनों से अनुपस्थित चिकित्सकों को एक माह का समय दिया है। साथ ही एक बार फिर चिकित्सकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। हालांकि इस बार महाविद्यालय प्रबंधन का दावा है कि कम से कम तीन से चार चिकित्सक अस्पताल में अपनी आमद दर्ज कराएंगे।
2016 में 165 करोड़ की लागत से शुरू हुआ था काम
दरअसल 165 करोड़ रुपये की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी की नींव 2016 में रखी गई थी। वर्ष 2019 में अस्पताल का भवन बनकर तैयार हुआ। इसके बाद वहां पर ओपीडी शुरू की गई। अस्पताल के शुरू होते समय यहां पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलाजी और नियोनेटोलॉजी का इलाज शुरू किया गया था। लेकिन शासन द्वारा किए गए वादे के अनुसार सुविधाएं न मिलने पर नाराज चिकित्सकों ने नौकरी छोडऩा शुरू कर दी। जबकि न्यूरोलाजिस्ट डा. नीरज अग्रवाल एवं पीडियाट्रिक सर्जन डा. तपस्या पंडित पिछले लम्बे समय से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रही हैं। इस कारण वर्तमान में यहां सिर्फ दो विभाग यूरोलाजी व पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की संचालित हो रहे हैं। जबकि अन्य विभागों में चिकित्सक न होने के कारण संचालित ही नहीं हो पा रहे हैं। इसी के चलते महाविद्यालय प्रबंधन ने अनुपस्थित चल रहे संबंधित चिकित्सकों को एक माह के अंदर उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए। ऐसे में अगर एक माह के अंदर चिकित्सक नहीं आते तो उसकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।
जारी की गई है विज्ञप्ति
वहीं महाविद्यालय प्रबंधन ने विभिन्न विभागों में चिकित्सकों की भर्ती के लिए विज्ञाप्ति भी जारी कर दी है। विज्ञप्ति के अनुसार चिकित्सक 27 अप्रैल की शाम 5 बजे तक महाविद्यालय में आवेदन कर सकते हैं। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से किनारा कर रहे चिकित्सकों को रोकने के लिए निजी प्रेक्टिस के लिए महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा अस्पताल में ही सशुल्क ओपीडी भी शुरू की गई है। इसके तहत प्रतिदिन शाम को मरीज 500 रुपये देकर चिकित्सक को दिखा सकता है। लेकिन उक्त शुल्क में से ढ़ाई सौ अस्पताल को और ढाई सौ चिकित्सक को देने का तय किया गया था। आज सात माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी चिकित्सकों को सशुल्क ओपीडी का भुगतान भी नहीं किया गया है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के भर्ती विज्ञापन में 10 फीसद वेतन वृद्घि, परिसर में आवास की सुविधा और तीन साल में पदोन्नति देने का वादा किया गया था। इसके बाद चिकित्सकों ने सुपर स्पेशियलिटी में अपनी आमद दर्ज कराई। वहीं वेतन वृद्घि के नाम पर पहले वेतन पर आठ फीसद देने की बात कही गई। इसके साथ ही परिसर में चिकित्सकों को आवास सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई।
