लोकमतसत्याग्रह/डबरा नगर पालिका में निकला सफाई का टेंडर इस समय चर्चा में बना हुआ है। ठेकेदार ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्यायालय में जाने की बात कही है। टेंडर में नगर पालिका ने एक ठेकेदार को ज्यादा रुपए में काम स्वीकृत कर दिया। दूसरा ठेकेदार कम कीमत में काम लेने के लिए तैयार था। उसको टेंडर से अपात्र घोषित कर दिया।
शहर के वार्ड 1 से वार्ड 15 तक नाला सफाई का टेंडर नगर पालिका ने जारी किया था। इसकी कीमत करीब 16 लाख रुपए है। इसमें यश कंट्रक्शन और भटनागर कंस्ट्रक्शन ने आवेदन किया था। भटनागर कंट्रक्शन ने 29 परसेंट ब्लो में टेंडर डाला था। यश कंट्रक्शन ने मात्र 11 परसेंट ब्लो पर ही टेंडर डाला। नगर पालिका ने यश कंट्रक्शन के ठेकेदार को टेंडर में पात्र घोषित कर टेंडर दे दिया। उससे कम कीमत में काम लेने वाली भटनागर कंट्रक्शन कंपनी को अपात्र घोषित कर दिया।
लेबर रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी किया अपात्र
मामले में भटनागर कंट्रक्शन के प्रोपराइटर अजय भटनागर का कहना है कि नगर पालिका द्वारा नाला सफाई का टेंडर निकाला था। जिसमें मैंने अपनी फर्म भटनागर कंट्रक्शन का टेंडर डाला था। नपा ने टेंडर विज्ञप्ति में एक शर्त रखी थी कि जिस फर्म के पास लेबर रजिस्ट्रेशन होगा, वहीं मान्य की जाएगी। मेरे पास भी लेबर रजिस्ट्रेशन था। इसलिए मैंने टेंडर डाला था। नगर पालिका अधिकारियों ने ठेकेदार से सांठ-गांठ करते हुए मुझे उसमें अपात्र घोषित कर दिया। यश कंट्रक्शन को वह टेंडर दे दिया। अजय भटनागर का कहना है कि मैं कम कीमत में टेंडर ले रहा था और वह अधिक कीमत में ले रहा है। नगर पालिका ने भ्रष्टाचार करते हुए यश कंट्रक्शन को यह काम दिया है।
भटनागर कंट्रक्शन ने लेबर रजिस्ट्रेशन नहीं दिया
इस मामले में नगर पालिका सीएमओ प्रदीप भदौरिया का कहना है कि हमने टेंडर में शर्त खोली थी। जिसमें भटनागर कंट्रक्शन द्वारा लेबर रजिस्ट्रेशन नहीं दिया गया। इसलिए इनको अपात्र घोषित कर दिया है।
