लोकमतसत्याग्रह/आटो चालक अक्सर बाहर से आने वाले यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते थे। आटो चालकों की इस मनमानी पर लगाम कसने के लिए रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-1 के बाहर सर्कुलेटिंग एरिया में शनिवार को प्रीपेड बूथ शुरू किया गया। ग्वालियर जोन के एडीजी डी.श्रीनिवास वर्मा और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने इसका शुभारंभ किया। एडीजी ने खुद एक यात्री की रसीद काटकर आटो की बुकिंग की।
अब रेलवे स्टेशन के बाहर से आटो बुक करने के लिए यात्रियों को 1 रुपये की रसीद कटानी होगी, इसके बाद आटो की बुकिंग होगी। आटो चालक को किराये के पैसे तब मिलेंगे, जब वह सवारी को छोड़ने के बाद रसीद बूथ पर जमा करेंगे। रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया से आटो चलाने वाले आटो चालकों की मनमानी की शिकायतें पुलिस तक पहुंच रही थी। इसी के चलते यहां फिर से प्रीपेड बूथ शुरू किया गया। एडीजी वर्मा और एसएसपी राजेश सिंह चंदेल यहां पहुंचे। प्रीपेड बूथ का शुभारंभ फीता काटकर किया गया। इसके बाद यहां से बुकिंग शुरू हो गई। एएसपी ट्रैफिक ऋषिकेष मीणा ने बताया कि यहां ट्रैफिक पुलिस का पाइंट तैनात रहेगा। रसीद काटने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान दिन और रात में यहां तैनात रहेंगे। यात्री को यहां से बुकिंग करनी होगी। प्रीपेड बूथ पर ही किराया सूची लगाई गई है। इस हिसाब से ही रसीद पर किराया लिखा जाएगा और रसीद यात्री को दे दी जाएगी। यहीं किराये के रुपये भी जमा कर दिए जाएंगे। जब यात्री गंतव्य तक पहुंच जाएगा तो रसीद आटो चालक को देनी होगी, इसे काउंटर पर जमा करने के बाद आटो चालक को भुगतान हो जाएगा।
तीसरी बार चालू हुआ प्रीपेड बूथ, हर बार आटो चालक और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से बंद
प्रीपेड बूथ ग्वालियर में तीसरी बार चालू हुआ है। हर बाद आटो चालक और ट्रैफिक पुलिस की मिलीभगत से यह बंद हो गया। शुरुआत में तो यहां ट्रैफिक पुलिस तैनात रहती है, इसके बाद यहां पाइंट तक नहीं लगता। फिर आटो चालक मनमानी पर उतर आते हैं। इसके पीछे आटो चालक और ट्रैफिक पुलिस की सांठगांठ भी वजह है। इस बार भी एक डीएसपी यहां प्रीपेड बूथ शुरू नहीं करना चाहते थे, लेकिन जब वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्णय किया और अलग से स्टाफ उपलब्ध कराने की बात कही तो उनकी मनमानी नहीं चल सकी। स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर ही प्रीपेड बूथ की शुरुआत में रुकावट डाली जा रही थी।
नेत्र परीक्षण शिविर भी लगाया प्रीपेड बूथ के शुभारंभ के दौरान रोटरी क्ल्ब के सहयोग से यहां नेत्र परीक्षण शिविर भी लगाया गया। जिसमें आटो और इ-रिक्शा चालकों का नेत्र परीक्षण किया गया। करीब 200 चालकों का नेत्र परीक्षण
