सीएम की घोषणा का असर:890 अवैध कॉलोनी के 44,500 मकानों में रहने वाले 2.22 लाख लोगों को होगा फायदा

लोकमातसत्याग्रह/विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अवैध कॉलोनियों को वैध करने का ऐलान किया है। इस बार वैध की जाने वाली काॅलाेनियाें की अवधि दिसंबर 2016 से बढ़ाकर दिसंबर 2022 तक कर दी गई है। मंगलवार काे भोपाल में अयोजित कार्यक्रम में सीएम की इस घोषणा के बाद ग्वालियर के 66 वार्डों में इस अवधि में 890 अवैध कॉलोनी वैध हो जाएंगी। अभी तक दिसंबर 2016 के आधार पर 429 कॉलाेनियों को ही वैध करने की प्रक्रिया चल रही थी।

890 कॉलोनियों के वैध होने से इसमें बने 44500 मकानों में रहने वाले 222500 लोगों काे इसका लाभ मिलेगा। खास बात यह है कि इस बार की गई घोषणा के बाद इन कॉलोनियों में रहने वालों को विकास और समझौता शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। नगरीय आवास एवं विकास विभाग जल्द ही एक ड्राफ्ट तैयार कर कैबिनेट में भेजेगा।

शहर के बाल भवन के ऑडिटोरियम में सीएम के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। सीएम ने अपने भाषण में कहा कि अवैध कॉलोनियों में रहवासी संघ बनाए जाएंगे। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने की पहली घोषणा मुख्यमंत्री ने 8 मई 2018 को ग्वालियर व्यापार मेला में आयोजित कार्यक्रम में की थी। उस वक्त सबसे पहले 67 कॉलोनियों को सीएम ने वैध किया था।

विकास और समझौता शुल्क से मुक्ति
अवैध कॉलोनियों में किए गए ऐसे निर्माण कार्य जिसमें फ्रंट का मार्जिन ऑफ ओपन स्पेस छोड़ा गया है। साथ ही निर्धारित फ्लोर एरिया रेशो से 10 फीसदी अधिक तक ही निर्माण किया गया है, ऐसे निर्माण कार्यों को वैध कर दिया जाएगा। इसके लिए भवन स्वामी को भवन शाखा में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। खास बात यह है कि इस बार निर्माणकर्ता को समझौता शुल्क के रूप में वसूल किए जाने वाले जुर्माने से भी राहत रहेगी।

अभी नगर निगम विकास शुल्क के नाम पर संपत्ति मालिक से 30 रुपए प्रति वर्गफुट के हिसाब से विकास शुल्क लेता है। यानी 1000 वर्गफीट के भूखंड पर मकान बनाने के लिए विकास शुल्क 30 हजार रुपए देना पड़ता है। अब यह नहीं लिया जाएगा।

ये कॉलोनियां हो जाएंगी वैध
ग्वालियर के मास्टर प्लान में या विकास योजना में जिस भूमि का उपयोग आवासीय है, ऐसी जमीन पर बनीं कॉलोनियां ही वैध हो पाएंगी। शासकीय जमीन, नाला, ग्रीन बेल्ट और वन भूमि आदि पर बनाई गई कॉलोनी या कॉलोनी का कुछ हिस्सा यदि ऐसे क्षेत्रों में शामिल है, वे कॉलोनियां भी वैधता की श्रेणी में नहीं आएंगी।

2016 के बाद कहां कितनी अवैध कॉलोनी बनीं
नगर निगम ने 2016 के बाद बन रहीं अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराया था। उसमें बड़ागांव 33, मानपुर 19, खुरैरी 17, पुरानी छावनी 16, मुरार 10, मोहम्मदपुर 11, चिरवाई 6, मउ 6, जोधूपुरा 4, दामोदरबाग 3, बरा 7, रानीपुरा 4, जमाहर 2, अकबरपुर खालसा 2, हबीबपुरा 3, जगनापुरा 3, खेरिया मोदी 10, गोसपुरा 2 में सामने आईं थीं। इसके अलावा बहोड़ापुर, ओहदपुर, महाराजपुरा गिर्द, रायरू, खेरिया मिर्धा, कोटा लश्कर, खेरिया पदमपुर आदि में भी अवैध कॉलोनी बनींं।

169 कॉलोनी वैध हो चुकी हैं, 46 के लेआउट पास

साल 2016 तक की अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया में नगर निगम 429 में से 169 अवैध कॉलोनियों को वैध कर चुका है। 46 अवैध कॉलोनियों का लेआउट भी तैयार कर लिया गया है। बस उनकी अधिसूचना निकलना शेष है।

  • 66 वार्डों में कितनी अवैध कॉलोनी, अभी तक कितनी हुईं वैध
  • 890अवैध कॉलोनी
  • 696 31 दिसंबर 2016 तक निर्मित अवैध कॉलोनी
  • 429 सर्वे के बाद पात्र कॉलोनी
  • 267 सर्वे के बाद अपात्र कॉलोनियों की संख्या

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