लोकमतसत्याग्रह/मध्यप्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर ने स्वच्छता की दौड़ में एक बार फिर बाजी मारी है. लगातार छठवीं बार इंदौर सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है. दिल्ली में अवॉर्ड लेने के बाद रविवार को इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव के साथ निगम और प्रशासन के अफसर, 19 सीएसआई और सफाई मित्र इंदौर लौटे. उनका जोरदार स्वागत किया गया और धूमधाम से जुलूस निकाला गया. इंदौर एयरपोर्ट से शुरू हुए इस जुलूस में स्वच्छता रथ पर मेयर पुष्यमित्र भार्गव स्वच्छता और सेवन स्टार सिटी का अवार्ड लेकर सवार थे. इस सबके बीच कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा जिन सफाईकर्मियों की बदौलत शहर को ये सम्मान मिल रहा है उनकी नौकरी स्थायी की जाए.
ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी नंबर 1 बनाने का प्रयास
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा ये अवार्ड पूरी इंदौर की जनता की मेहनत का है. अब सेवन स्टार सिटी के साथ ही सफाई का सत्ता भी लगाएंगे यानि हमने सत्ते पर सत्ता की तैयारी आज से ही शुरू कर दी है. उन्होंने कहा सफाई इंदौरियों की आदत बन चुका है. इसलिए लगातार हम स्वच्छता की नई ऊंचाइंयो को छू रहे हैं. हमारा शहर सफाई के साथ साथ पर्यावरण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी नंबर वन बने इसका प्रयास किया जाएगा.
जीतू पटवारी ने सफाई कर्मियों को स्थाई करने की मांग की
जश्न के माहौल के बीच कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सफाईकर्मियों को परमानेंट करने की मांग की है. उन्होंने कहा हमारे लिए गौरव का विषय है कि इंदौर लगातार छठवीं बार सफाई में नंबर वन आया है. लेकिन जिन लोगों की वजह से ये शहर स्वच्छ है. उन सफाई कर्मियों को परमानेंट किया जाना चाहिए. उनका यही सबसे बड़ा सम्मान है. जीतू पटवारी ने कहा हम महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मांग करते हैं इसमें वो पहल करें. कांग्रेस पार्टी आपके साथ हैं. वहीं राज्य सरकार के नशा मुक्ति अभियान पर सवाल खड़ा करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि ये स्वागत योग्य पहल है. लेकिन उसे व्यवहार में आना चाहिए. सरकार नशे के खिलाफ अभियान चलाना चाहती है तो सरकारी तौर पर जो नशा बेचा जाता है उस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. सरकारी शराब की दुकाने कम करने पर भी विचार हो. इस सरकार ने तीन हजार शराब की दुकाने बढ़ाकर नौ हजार कर दी हैं. साथ ही पटवारी बोले कि यहां रीगल चौराहे पर गांधी जी की प्रतिमा है. मैं यहां पिछले 25 साल से आ रहा हूं लेकिन बीजेपी के लोग यहां कभी नहीं आए. बीजेपी के लोग महात्मा गांधी के नाम पर वोट लेते हैं, लेकिन उनके विचारों को नहीं मानते हैं.
